Feb 24, 2024, 05:34 PM IST

माता सीता की पायल देखकर क्यों रोए थे श्रीराम?

Kuldeep Panwar

रामायण की कथा में सबसे अहम हिस्सा लंकापति रावण के साधु का वेश धरकर आने और माता सीता का वन में बनी कुटिया से हरण करके ले जाना है.

माता सीता के हरण के कारण ही लंका का युद्ध हुआ था, जिसमें प्रभु राम ने रावण का उसके सभी संबंधियों और सेना समेत वध कर दिया था.

रावण ने जब देवी सीता का हरण किया था तो उन्होंने अपने सभी आभूषण एक कपड़े में बांधकर पुष्पक विमान से नीचे जंगल में फेंक दिए थे.

पुष्पक विमान से फेंके गए आभूषण किष्किंधा राज्य में उस जगह गिरे, जहां वानरराज सुग्रीव अपने साथियों के साथ बाली के डर से छिपे हुए थे.

सु्ग्रीव ने आभूषण संभालकर रख लिए. जब राम-लक्ष्मण माता सीता को खोजते हुए मलय पर्वत पर पहुंचे तो वहां हनुमान ने उन्हें सुग्रीव से मिलवाया.

वाल्मिकी रामायण के मुताबिक, सु्ग्रीव ने प्रभु राम की बात सुनने के बाद अपने पास रखे आभूषण मंगाए. आभूषण देखकर राम भावुक हो गए.

प्रभु राम ने लक्ष्मण को भी आभूषण दिखाए और पूछा कि क्या तुम देवी सीता की पायल, कर्णफूल, बाजूबंद और हार की पहचान कर सकते हो?

लक्ष्मण बोले, मैंने माता सीता के चरणों के अलावा कुछ देखा ही नहीं, इसलिए मैं ना उनके बाजूबंद को जानता हूं और ना कर्णफूल पहचानता हूं.

भगवान राम ने पायल उठाई और लक्ष्मण को अपने गले लगा लिया. इसके बाद वे सीता की खबर मिलने से भावुक होकर पायल को देखते हुए रोने लगे.

लक्ष्मण की बात सुनकर और राम को इस तरह रोता देखकर सुग्रीव आदि भी हैरान रह गए और हर हाल में उन्हें सीता से मिलाने का वादा किया.

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