Oct 4, 2023, 12:05 AM IST
आपने कई ऐसे जासूस के बारे में सुना होगा, जिन्होंने अपनी देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. इन जासूसों के दम पर उनके देश ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की है.
क्या आपको पता है कि ऐसी ही एक महिला जासूस की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जो अपने हुस्न और तेज दिमाग की बदौलत जासूसी की दुनिया में राज करती थी.
हम यहां बात कर रहे हैं, मार्गरेट गीर्तोईदा जेले उर्फ माता हारी की. माता हरी एक एक बेहतरीन डांसर भी थी, जो उनका पेशा था.
पहले विश्व युद्ध के समय तक वह पेरिस में एक डांसर और स्ट्रिपर के रूप में मशहूर हो गई थीं. उनका कार्यक्रम देखने कई देशों के लोग और सेना के बड़े अधिकारी पहुंचा करते थे. इसी मेलजोल के दौरान गुप्त जानकारियां एक से दूसरे पक्ष को देने का सिलसिला चलने लगा.
माता हरी की शादी नीदरलैंड की शाही सेना के एक अधिकारी से हुई थी, जो इंडोनेशिया में तैनात था. इंडोनेशिया में ही वो एक डांस कंपनी में शामिल हो गईं और अपना नाम बदलकर माता हरी कर लिया.
नीदरलैंड्स लौटने के बाद 1907 में माता हरी ने अपने पति को तलाक दे दिया और पेशेवर डांसर के रूप में पेरिस चली गईं. पेरिस में माता हरी एक साल तक एक फ्रेंच राजनीतिज्ञ की रखैल बनकर रही. इसी दौरान फ्रेंच सरकार ने माता हरी को जासूसी करने के लिए राजी कर लिया।
फ्रेंच सरकार न प्रथम विश्वयुद्ध के समय माता हरी को हथियार बना कर जर्मन मिलिट्री ऑफिसर्स की कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की थीं. उसने फ्रांस सरकार की भी जानकारी जर्मनी सरकार को देनी शुरू कर दी. यह बात फ्रांस के खूफिया डिपार्टमेंट को पता चल गई थी.
इसके बावजूद उन पर डबल एजेंट होने का आरोप लगाया गया और फ्रांस में फायरिंग स्क्वैड द्वारा गोलियों से भून दिया गया. माता हरी के जीवनी लेखक रसेल वारेन हाउ ने 1985 में फ्रांसीसी सरकार को यह मानने को राजी कर लिया कि वह निर्दोष थीं. स महिला जासूस की जिंदगी पर साल 1931 में हॉलीवुड फिल्म बनी जिसमें ग्रेटा गर्बो मुख्य भूमिका में थीं.