आप भारतीय नागरिक हैं, लेकिन इसके बावजूद क्या आप जानते हैं कि आप पूरे भारत में हर जगह जमीन या घर नहीं खरीद सकते हैं. कई राज्य ऐसे हैं, जहां दूसरे राज्य के नागरिकों द्वारा जमीन-घर खरीदने पर बैन है.
ऐसे राज्यों को भारतीय संविधान की तरफ से विशेष दर्जा दिया गया है, जिससे इनमें बाहरी लोगों के साथ जमीन की खरीद-बेच पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
जम्मू-कश्मीर इसका खास उदाहरण है, जहां अनुच्छेद-370 हटने से पहले किसी दूसरे राज्य का नागरिक भारतीय होने के बावजूद जमीन या घर नहीं खरीद सकता था.
हिमाचल प्रदेश भी एक ऐसा ही राज्य है, जहां आप दूसरे राज्य का नागरिक होने पर अपने लिए जमीन या घर नहीं खरीद सकते हैं. हिमाचल में अनुच्छेद 371 के तहत यह प्रतिबंध लागू है.
पूर्वोत्तर भारत के राज्य नागालैंड में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने या बेचने पर रोक लगी हुई है. यहां भी जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद-370 की तरह अनुच्छेद 371A लागू है, जिससे इसे विशेष दर्जा हासिल है.
सिक्किम में भी संविधान का अनुच्छेद 371F लागू है, जिसके चलते यहां भी दूसरे राज्य का निवासी जमीन या घर नहीं खरीद सकता है.
एक और पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में भी केवल स्थानीय आदिवासी ही जमीन या घर खरीद-बेच सकते हैं. यहां भी संविधान का अनुच्छेद 371G लागू है.
अरुणाचल प्रदेश में भी मूल आदिवासियों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के जमीन खरीदने या बेचने पर रोक लगी हुई है. मूल आदिवासी भी जमीन के मालिक नहीं हैं बल्कि जमीन उनके समुदाय के नाम होती है.
असम में भी अनुच्छेद 371B के तहत बाहरी लोगों के जमीन खरीदने या बेचने पर रोक लगाई गई है. यहां भी स्थानीय नागरिक ही जमीन पर अधिकार रख सकते हैं.
मणिपुर में भी अनुच्छेद 371C लागू है. यहां राज्य की सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद मैतेई समुदाय भी कुकी-नागा आदिवासी इलाकों में जमीन नहीं खरीद सकता. इसी को लेकर मणिपुर में हिंसा चल रही है.
झारखंड के भी कई इलाकों में आप जमीन की खरीद या बेच नहीं कर सकते हैं. संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत सूचीबद्ध झारखंड के इन इलाकों में धारा 46 लागू है.
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी कई इलाकों को संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत रखा गया है. इनमें उसी राज्य के दूसरे इलाकों के व्यक्ति भी जमीन नहीं खरीद सकते हैं.
उत्तराखंड में भी साल 2003 में राज्य सरकार ने जमीन से जुड़े प्रतिबंध लागू किए थे. इनके तहत नगर पालिकाओं में ही बाहरी व्यक्ति अधिकतम 250 मीटर जमीन खरीद सकता है.