Mar 30, 2024, 09:30 AM IST

कौन हैं अरब देशों के अल्पसंख्यक 'द्रूस' लोग?

Aditya Prakash

'द्रूस' लोग पश्चिम एशिया में रहने वाले एक जातीय धार्मिक समूह हैं, ये लोग मूल रूप से सीरिया, लेबनान, इजराइल और जॉर्डन में पाए जाते हैं.

ये लोग 'द्रूस' धर्म को मानते हैं, जो वास्तव में एक इब्राहीम, एकेश्वरवादी, समन्वयवादी और जातीय धर्म है.   

इनकी आबादी करीब 10 लाख से 25 लाख के बीच है. 'गुह्य' इनके सबसे पवित्र धर्मशास्त्र का नाम है.

द्रूस लोगों का मानना है कि ईश्वर के 70 अवतार हैं, और आगे भविष्य में अब कोई अवतार नहीं होगा.

इनका मानना है कि अल-हाकिम-बी अमरिल्लाह भगवान के अवतार थे. ये लोग पुनर्जन्म में यकीन करते हैं.

इस पंथ की उत्पत्ति शिया इस्लाम की एक शाखा 'इस्माइलिज्म' से हुई थी, साथ ही इस पर ईसाई धर्म का अच्छा खासा प्रभाव रहा है. 

ज्यादातर 'द्रूस' धार्मिक प्रथाओं को गुप्त रखा जाता है. ये लोग अपने पंथ के बाहर शादी नहीं करते हैं.