डीएनए हिन्दी : घोटाला – शब्द का ज़िक्र आते ही कई बातें ज़हन में आ जाती हैं. जनता का पैसा, सिस्टम से जुड़े लोगों का भ्रष्टाचार, अखबारों की सुर्ख़ियाँ और चल रहे मुक़दमे... कई भ्रष्ट नेताओं के चेहरे नज़र आ जाते हैं, पर क्या आपको मालूम है कि भ्रष्ट लोगों की रैंकिंग में पहले स्थान पर कौन आया था?
कई नाम आ गये न दिमाग़ में... सुहार्तो का नाम सुना है? इंडोनेशिया के इस पूर्व राष्ट्रपति के माथे है दुनिया का सबसे भ्रष्ट व्यक्ति होने का कलंक. हालाँकि इसमें पेरू के जापानीज नेशन हेड, नाइजीरिया के प्रेजिडेंट, फ़िलिपिनो राष्ट्रपति भी शामिल हैं. सुहार्तो इंडोनेशिया के दूसरे राष्ट्रपति थे.
कैसे मिली सुहार्तो को सरकार
इंडोनेशिया में 1967 तक सुकर्णो की सरकार थी. सुकर्णो के नेतृत्व में इंडोनेशिया ने डच उपनिवेश से आज़ादी पायी थी. यह कम्युनिस्ट सरकार थी. सुहार्तो सुकर्णों और कम्युनिस्ट सरकार के ख़िलाफ़ फैले असंतोष के प्रतिनिधि बन कर उभरे थे. उनके बारे में कहा जाता है कि वे आये तो थे पब्लिक के नेताजी बनकर, काम करने लगे फौजी शासन वाले देश के हेड मास्टर बन कर.
कैसे हुआ सुहार्तो की प्रॉपर्टी में विकास
उनके पास पब्लिक का भीषण सपोर्ट था। आने के साथ ही उन्होंने अमेरिकी मदद से कुछ शानदार काम किये. धकाधक इकनोमिक ग्रोथ, सुपर फाइन हेल्थ सिस्टम, बढ़िया शिक्षा, सारी रैंकिंग में इंडोनेशिया टॉप करने लगा... 1967 से 1997 तक दुनिया ही बदल गयी देश की. देश में बहुत विकास हुआ लेकिन सबसे ज़्यादा विकास सुहार्तो के पर्सनल प्रॉपर्टी का हुआ. जिस टाइम में पब्लिक बढ़िया सुविधा के गुण गा रही थी, उसी टाइम में सुहार्तो साहब देश का पैसा दोनो हाथों से बटोर रहे थे.
घोटाले की कहानी
जनता को गुमराह करने की ख़ातिर इन्होंने बताया कि छोटे-छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट बनवा रहे हैं. जनता इन्हें फण्ड देगी और ये उस फण्ड से हेल्थ और एजुकेशन सिस्टम देखेंगे. पब्लिक धुआंधार डोनेशन देने लगी. इसके सुहार्तों ने सारे सरकारी का का ठेका अपने जानकारों में बाँट दिया. धीरे-धीरे पब्लिक को शक हुआ, तफ्तीश हुई तो पता चला कि अब तक जिन छोटे ट्रस्ट को पैसा दिया जा रहा था वो सब प्रेजिडेंट साहब का निकासी सेंटर था. जितने पैसे काम में लगते उससे ज़्यादा सुहार्तो की जेब में जाता. कहा जाता है 1998 में सत्ता से हटाये जाने तक सुहार्तो ने इंडोनेशियन सरकार को 15-35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुक़सान पहुँचा दिया था.