Chile: 36 साल के गेब्रियल बोरिक ने संभाली देश की कमान, लॉ की परीक्षा में हो गए थे फेल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 13, 2022, 10:17 AM IST

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दिसंबर में हुए चुनाव में रूढ़िवादी जोस एंटोनियो कास्ट के खिलाफ बोरिक को 56 प्रतिशत वोट मिले थे.

डीएनए हिंदी: लैटिन अमेरिका के सबसे अमीर देशों में शामिल चिली एक बार फिर चर्चा में है. वजह है चिली के राष्ट्रपति. हाल ही में पूर्व छात्र नेता गेब्रियल बोरिक (Gabriel Boric) ने चिली के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है. 36 वर्षीय गेब्रियल इस दक्षिणी अमेरिकी राष्ट्र के इतिहास के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति हैं.

चिली बेशक अमीर देशों में गिना जाता है, लेकिन यहां लोगों में भारी आर्थिक असमानता रही है. यहां चुनिंदा लोगों के पास ज्यादा धन है और ज्यादातर लोग आर्थिक तौर पर संघर्ष कर रहे हैं. यही वजह है कि यहां असमानत को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी होते रहे हैं. ऐसे में गेब्रियल का यहां तक का सफर आसान नहीं था और आने वाले समय में भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा. 

लॉ की परीक्षा में फेल हो गए थे गेब्रियल
गेब्रियल बोरिक का जन्म सन् 1986 में चिली के पुंता एरेना (Punta Arenas) नामक शहर में हुआ था. उनके दो भाई हैं. गेब्रियल ने अपने शहर के ही ब्रिटिश स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए सन् 2004 में सैंटियागो चले गए. यहां उन्होंने सन् 2009 तक यूनिवर्सिटी ऑफ चिली के लॉ स्कूल में पढ़ाई की. साल 2009 में ही वह लॉ स्कूल की स्टूडेंट यूनियन के प्रेजिडेंट बन गए. हालांकि गेब्रियल अपने फाइनल डिग्री एग्जाम में फेल हो गए थे और उन्हें उनकी लॉ डिग्री भी नहीं मिली. 

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लेखक बनना चाहते थे
अपनी लॉ की डिग्री के बारे में उन्होंने अपने इंटरव्यूज में भी बताया है. उनका कहना था कि उन्होंने दोबारा एग्जाम देने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि वह कभी भी वकील बनना नहीं चाहते थे. वह इसकी बजाय एक लेखक बनना ज्यादा पसंद करेंगे.

छात्र नेता के तौर पर बनी पहचान
साल 2009 में जब वह स्टूडेंट यूनियन के प्रेजिडेंट बने तब उन्होंने यूनिवर्सिटी के डीन रोबर्टो नाहुम के खिलाफ 44 दिन तक धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने सन् 2010 से 2012 तक यूनिवर्सिटी सीनेटर के तौर पर भी छात्रों का प्रतिनिधित्व किया.

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सबसे प्रभावशाली युवा नेता
वह चिली स्टूडेंट फेडरेशन (FECH) के अध्यक्ष भी रहे.  इस दौरान वह चिली स्टूडेंट फेडरेशन के मुख्य प्रवक्ता के तौर पर उभरे. साल 2012 में उन्हें चिली के 100 सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं की सूची में शामिल किया गया. 

सन् 2013 में बोरिक ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की. साल 2017 में वह आम चुनावों में ह्यूमनिस्ट पार्टी की तरफ से खड़े हुए और उन्हें अप्रत्याशित मतों से जीत हासिल हुई. यह सफर आगे बढ़ा और वह चिली के इतिहास के सबसे युवा राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे

बदलाव की तैयारी
बता दें कि बोरिक की कैबिनेट में 14 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं. दिसंबर में हुए चुनाव में रूढ़िवादी जोस एंटोनियो कास्ट के खिलाफ बोरिक को 56 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्होंने हाल में कहा था, ‘हमें कदम दर कदम बदलाव करना होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीछे हटने का जोखिम बहुत अधिक है.’ 

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