डीएनए हिंदी : माल्डोवा या Moldova पूर्वी यूरोप का एक देश है. आधिकारिक तौर पर इसे रिपब्लिक ऑफ़ माल्डोवा भी कहते हैं. रूस का आक्रमण यूक्रेन पर हुआ है पर यह देश डरा हुआ है. हालांकि यहां न तो कोई ख़तरा है अभी, न ही रूसी विमानों की आवा-जाही है फिर भी लोग अंदेशे में हैं. वे लगातार विदेशी मुद्रा इकट्ठा कर रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की राज्य-विस्तार की नीति और महत्वाकांक्षा का शिकार वे भी हो सकते हैं.
माल्डोवा की राजधानी चिसिनाउ (Chisinau) में के कई नागरिकों के अनुसार पुतिन एक पागल राष्ट्राध्यक्ष है जो कभी भी कुछ भी कर सकता है.
सोवियत संघ से बंटे देशों की दुविधा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़े दस दिन से अधिक हो चुके हैं और इसका सबसे गहन असर माल्डोवा जैसे देशों पर पड़ा है. माल्डोवा जैसे सोवियत संघ (Soviet Union) से विघटित देश सालों पूरब और पश्चिमी यूरोप के बीच संतुलन बनाते रहे. अब उन्हें अहसास हो रहा है कि बीच का रास्ता उतना आसान नहीं.
यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के लिए वोट किया था माल्डोवा ने
बीतते समय के साथ माल्डोवा (Moldova) ने पूरी तरह से यूरोप का हिस्सा बनने की कवायदें तेज़ कर दी थी. गुरूवार को देश ने यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के लिए एक आवेदन दिया था. इस बाबत यहां की प्रधानमंत्री Natalia Gavrilița का कहना था कि यह आज़ादी के लिए दिया गया वोट था. गौरतलब है कि माल्डोवा ने अब तक ढाई लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिकों को अपने यहां जगह दी है.
पिछले दिनों जब अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट अंटोनी ब्लिंकेन ने देश का दौरा किया था तो उन्होंने माल्डोवा (Moldova) को एक विकसित हो रहे लोकतंत्र का सुन्दर उदाहरण क़रार दिया था.
जैसे-जैसे रूस की पकड़ यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से पर बढ़ रही है, माल्डोवा का डर बढ़ रहा है
रूसी सेना ने यूक्रेन(Ukraine) के दक्षिणी हिस्से में बसे शहर ओडेसा पर कब्ज़ा जमा लिया है. यह माल्डोवा की सीमा से महज़ तीस किलोमीटर दूर है. माल्डोवा का डर इस कारण भी बढ़ रहा है कि इस युद्ध में रूस के सहयोगी रहे देश बेलारूस के नेता एलेग्जेंडर लुकाशेंको ने युद्ध का एक नक्शा दिखाया था जिसमें माल्डोवा की ओर भी निशाना लगाया गया था.