डीएनए हिंदी: 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन(Ukraine) पर आक्रमण करने के बाद दुनिया भर के बहुत सारे देश रूस से ख़फ़ा हैं. यूरोपियन यूनियन के देशों सहित कई अन्य देशों ने रूस पर कड़ा प्रतिबन्ध लगाया है. इसके प्रति विरोध दर्ज करते हुए रूस ने पश्चिमी देशों को धमकी दी है कि रूस एक विस्तृत प्लान पर काम कर रहा है जिसमें उस पर लगाए गए प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ तेज़ी से वैसी प्रतिक्रया दी जाएगी जिसे पश्चिमी देशों पर गहरा असर पड़ सकता है.
प्रतिबंध की वजह से चरमराई रूस की अर्थव्यवस्था
गौरतलब है कि रूस(Russia) की अर्थव्यवस्था 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पहली बार इस तरह चरमराई है. इसकी मुख्य वजह रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध हैं.
रूस की आधिकारिक आरआईए न्यूज़ एजेंसी के अनुसार रूसी विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर Dmitry Birichevsky ने कहा है कि रूस की प्रतक्रिया तेज़, सोची-समझी हुई, और पश्चिमी देशों के लिए बेहद प्रभावकारी होगी.
बाइडेन ने लगाया रूस से पेट्रोलियम आयात पर प्रतिबन्ध
माना जा रहा है कि रूस की यह प्रतिक्रया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन(Jo Biden) के द्वारा रूस से पेट्रोलियम आयात पर लगाए गए प्रतिबन्ध के बाद आई है. ध्यातव्य है कि पिछले हफ़्ते रूस ने धमकी दी थी कि अगर अमेरिका और यूरोपियन यूनियन देशों ने रूस से पेट्रोल आयात पर प्रतिबन्ध लगाया तो इसकी कीमतें 300 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है. रूस का कहना है कि यूरोपियन यूनियन लगभग 500 मिलियन तेल की ख़पत साल भर में करता है और रूस लगभग इसके एक तिहाई हिस्से की आपूर्ति करता है.
यूक्रेन(Ukraine) हमले के बाबत रूस(Russia) का कहना है कि यह सैनिक कार्रवाई रूस की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि अमेरिका रूस की सीमा तक नाटो के ज़रिए पहुंच रहा है और पश्चिमी देशों के समर्थक नेताओं को यूक्रेन में मदद कर रहा है. यूक्रेन का कहना है कि वह अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.