डीएनए हिंदी : रूस और यूक्रेन के बीच फ्लैश पॉइंट यानी संघर्ष की मुख्य जगह डॉनबस इलाक़ा रहा है. यह सीमावर्ती इलाक़ा बेहद महत्व रखता है. इस इलाक़े का महत्व अभी फिर से और बढ़ गया है. यूक्रेन से आ रही ताज़ा ख़बरों के अनुसार रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो अलगाववादी इलाकों जिन्हें वहां के लोग Donetsk People’s Republic और Luhansk People’s Republic के तौर पर जानते हैं को आज़ाद देश के तौर पर स्वीकार कर लिया है. रूसी नेता ने अपने सैनिक भी इस इलाके में उतार दिए हैं. इसे पीसकीपिंग फोर्स का नाम दिया गया है. इसे रूस के द्वारा यूक्रेन आक्रमण की कड़ी की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है. रूस के द्वारा इन दो इलाकों को औपचारिक रूप से आज़ाद स्वीकारने के घटना से संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य देश सकते में हैं. रूस की इस बाबत काफ़ी आलोचना हो रही है. जानते हैं क्या ख़ास है यूक्रेन के इन दो इलाकों में जिसे रूस ने स्वतंत्र मान लिया है.
यूक्रेन का औद्योगिक पॉवरहाउस
पूर्वी यूक्रेन का Donbas इलाक़ा युद्ध से पहले यूक्रेन का औद्योगिक पॉवरहाउस माना जाता था. यहां भारी उद्योग, खनन, इस्पात उत्पादन के साथ-साथ कोयले के बड़े खदान थे. 2014 में रूस(Russia) के आक्रमण और क्रीमियन प्रायद्वीप के अधिग्रहण के बाद यह इलाका दो अलग हिस्सों में बंट गया जिस पर दो भिन्न समूहों का अधिकार हो गया. वह हिस्सा जिस पर यूक्रेन का अधिकार था उसे Donetsk और Luhansk oblasts का नाम दिया गया जबकि रूस समर्थित हिस्सा Donetsk People's Republic (DPR) और and Luhansk People's Republic(LPR) कहलाया.
2014 के रूस आक्रमण के बाद
अलगाववादी पूरे Donetsk और Luhansk को अपना मानते हैं पर उनके अधिकार में केवल एक तिहाई हिस्सा है जो रूस की सीमा के करीब 6500 वर्ग मील में विस्तृत है.
2014 के बाद से यह हिस्सा यूक्रेन (Ukraine) से काफ़ी कटा हुआ है. अनुमानतः यहां लगभग 15 से 20 लाख की जनसंख्या है. अधिकतर इनमें रूसी भाषा बोलते हैं. गौरतलब है कि अलगाववादी संगठन और यूक्रेन सरकार के बीच के संघर्ष 14000 लोगों की जान जा चुकी है.