डीएनए हिंदी: दुनिया भर में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इस बुजुर्ग होती दुनिया में भारत सबसे युवा देशों में से एक है. साल 2022 में भारतीयों की औसत उम्र 28 साल है, जबकि चीन और अमेरिका में 37 साल, पश्चिम युरोप में 45 साल और जापान में 49 साल हो चुकी है. भारत को इस युवा आबादी का लाभ साल 2055 तक मिलने की संभावना जताई जाती है, लेकिन ऐसा तभी होगा जब भारत के युवाओं का पास स्किल होगा. India Skill Report 2021 के अनुसार, 56 % युवा भारतीयों के पास नौकरी पाने लायक स्किल ही नहीं है.
भारतीयों के पास स्किल की कितनी कमी?
भारतीय युवाओं में स्किल की कमी को लेकर विशेषज्ञ सालों से चेता रहे हैं. इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने साल 2016 में Skill India मिशन की शुरुआत भी की. साल 2018 में आई फ्यूचर ऑफ जाब्स रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत की 50 प्रतिशत कामकाजी आबादी के पास 2022 की जरूरतों के अनुसार स्किल की कमी होगी.
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India Skill Report, 2015 के अनुसार, भारतीयों में स्किल की कमी है. नौकरी की चाह रखने वाले छात्रों में से सिर्फ एक तिहाई के पास ही उपयुक्त कौशल मौजूद हैं. वहीं साल 2021 में जारी रिपोर्ट के हिसाब से देखें तोकौशल प्राप्त युवाओं की संख्या में 25 % प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हो पाई है.अब देश में स्किल प्राप्त युवाओं की संख्या 45.9 प्रतिशत हो चुकी है यानी अब भी देश के 54 प्रतिशत युवाओं के नौकरी के लिए उपयुक्त कौशल नहीं है.
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भारत की शिक्षा व्यवस्था बेरोजगार पैदा कर रही है?
World Economic Forum के अनुसार, देश में उच्च शिक्षा पाने वाले लोगों में बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत है. वहीं बेसिक शिक्षा पाने वाले लोगों में बेरोजगारी की महज 1.6 प्रतिशत है. वहीं बेसिक शिक्षा का बिजनेस में उपयोगिता महज 37.2 प्रतिशत है.
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भारत में उद्योगों की जरुरत और युवाओं मे स्किल के बीच बहुत बड़ा अंतर हैं. सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया मे तेजी से आते बदलाव, बढ़ते औद्योगिकरण, आटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से दुनिया में रोजगारों की दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. ऐसे में भारत की शिक्षा व्यवस्था बाजार की मांग के मुताबिक स्किल नहीं दे पा रही है.
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स्किल विकास से 500 बिलियन डालर बढ़ सकती है भारत की GDP
World Economic forum ने साल 2021 में कौशल विकास पर एक रिपोर्ट Upskilling for Shared Prosperity जारी की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे कौशल को बेहतर करने से साल 2030 तक दुनिया की GDP में 6.5 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हो जाएगा. रिपोर्ट ने बताया कि कौशल विकास से भारत की GDP में 500 बिलियन डालर बढ़ सकती है, जो कि इसकी GDP का 6.1 प्रतिशत होगा.
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Skill India से कितना स्किलफुल हुआ भारत?
साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्किल इंडिया मिशन शुरु किया था. इसके तहत साल 2022 तक 40 करोड़ लोगों को स्किल फुल बनाने की योजना थी. ये योजना कितनी कारगर रही इस पर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है. साल 2016 से 2021 के बीच सरकार स्किल डेवलपमेंट के लिए 14211 करोड़ रु खर्च कर चुकी है.
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PMKVYके तहत सिर्फ 23.7 लाख लोगों को मिली नौकरी?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत अब तक 1.39 करोड़ लोगों ट्रेनिंग के दाखिल हुए. जिनमें से 1.34 करोड़ लोगों ट्रेनिंग मिली. इनमें से 1.07 करोड़ लोगों को सर्टिफिकेट भी जारी हो चुके हैं. लेकिन सरकारी आकड़ों के अनुसार जिन लोगों को प्लेसमेंट मिला वो महज 23.7 लाख ही हैं.
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