97 साल की टाइपिस्ट को 10 हजार हत्याओं के मामले में हुई सजा, हिटलर के लिए करती थी काम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 21, 2022, 05:01 PM IST

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Irmgard Furchner Stutthof: 97 साल की एक महिला को 1943 से 1945 के बीच 10 हजार से ज्यादा लोगों की हत्याओं की साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया है.

डीएनए हिंदी: जर्मनी की एक अदालत ने एक महिला टाइपिस्ट को 10 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है. महिला को दो साल की सस्पेंडेड जेल की सजा दी गई है. 97 साल की यह महिला पोलैंड के एक कंसन्ट्रेशन कैंप (Poland Concentration Camp) में काम करती थी. दूसरे विश्व युद्ध के समय जब हिटलर की अगुवाई वाली नाजी सेना (Nazi Army) ने अत्याचार मचा रखा था तब यह महिला स्टुटथोफ कैंप (Stutthof Camp) में टाइपिस्ट और स्टेनोग्राफर का काम करती थी. 1943 से 1945 के बीच स्टुटतोफ में 65 से ज्यादा लोग मारे गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इरगार्ड फर्चनर नाम की महिला को जर्मनी के चर्चित होलोकॉस्ट यानी यहूदी नरसंहार के दौरान 10,505 लोगों की हत्या की साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इरगार्ड फर्चनर को जर्मनी के इत्जेहो की एक अदालत ने मंगलवार को दो साल की सस्पेंडेड जेल की सजा सुनाई. नाबालिग उम्र में फर्चनर ने नाजी कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टटथोफ कैंप में 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक काम किया था. अपराध के समय महिला नाबालिग थी, इसलिए फर्चनर को सजा के लिए जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया और उसे जुवेलाइन प्रोवेशन में रखा जाएगा.

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गैस चेंबर कांड में क्रूरता से ली गई थी हजारों लोगों की जान
रिपोर्ट के मुताबिक स्टुट्थोफ में लगभग 65,000 लोग भयानक परिस्थितियों में मारे गए थे, जिनमें यहूदी कैदी, गैर-यहूदी और कैद किए गए सोवियत सैनिक शामिल थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फर्चनर को 10,505 लोगों की हत्या में मदद करने और हत्या के लिए उकसाने और पांच अन्य की हत्या के प्रयास में मिलीभगत का दोषी पाया गया.

स्टुट्थोफ में, जून 1944 से कैदियों की हत्या करने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया गया और गैस चैंबरों में हजारों लोग मारे गए. सितंबर 2021 में जब ट्रायल शुरू हुआ तो फर्चनर अपने रिटायरमेंट होम से भाग गई और अंतत: हैम्बर्ग की एक सड़क पर पाई गई. अदालत में अपने संबोधन में फर्चनर ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ उसके लिए मुझे खेद है. मुझे खेद है कि मैं उस समय स्टुट्थोफ में थी. मैं बस इतना ही कह सकती हूं.'

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बीबीसी ने बताया कि फर्चनर का यह मुकदमा जर्मनी में नाजी-युग के अपराधों में अंतिम हो सकता है. हालांकि. कुछ मामलों की अभी भी जांच की जा रही है. स्टुट्थोफ में किए गए नाजी अपराधों के लिए हाल के वर्षों में दो अन्य मामले अदालत में गए हैं.