US Elections: अमेरिका में ट्रंप की वापसी से भारत को होगा फायदा या नुकसान? जानें क्या है ट्रंप की नीति

Written By आकांक्षा सिंह | Updated: Nov 06, 2024, 12:11 PM IST

Us election News: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रैट उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला है, लेकिन देखना ये होगा कि अगर ट्रंप  मेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत पर इसका क्या असर पड़ता है.

American president election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे नजदीक हैं. इस बार का मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच कड़ा है. अगर ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं, तो इसका भारत पर कई तरह से असर पड़ सकता है.
 
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा बनाने की इच्छा जताई है. दिवाली के अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया और दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने का वादा किया. ट्रंप का भारत के प्रति पॉजीटिव रुख हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा से भी साफ नजर आता है.

ट्रंप और मोदी की दोस्ती भी पहले से चर्चा में रही है. 2019 में अमेरिका के टेक्सास में आयोजित "हाउडी, मोदी!" रैली में ट्रंप ने PM मोदी का स्वागत किया था, जहां 50,000 से ज्यादा लोग मौजूद थे. इसके जवाब में भारत यात्रा के दौरान मोदी ने ट्रंप का स्वागत अहमदाबाद के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में किया था.

क्या कहते हैं आर्थिक और व्यापारिक नीतियां
अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं, तो उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत भारत पर व्यापार बाधाओं को कम करने और टैरिफ में बदलाव का दबाव हो सकता है, जिससे भारत के IT, फार्मास्यूटिकल्स, और टेक्सटाइल क्षेत्र के निर्यात पर काफी असर पड़ सकता है. वहीं, ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका अपनी सप्लाई चेन को भारत जैसी जगहों पर स्थानांतरित कर सकता है. इससे भारत को संभावित रूप से आर्थिक फायदा मिल सकता है.


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क्या है रक्षा और सुरक्षा सहयोग
चीन को लेकर ट्रंप और मोदी का नजरिया मिलता-जुलता रहा है. ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्वाड गठबंधन को मजबूत किया गया था. ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीनी प्रभाव को संतुलित किया जा सके. ऐसे में ट्रंप की वापसी से भारत को रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भी लाभ मिल सकता है, जिसमें सैन्य अभ्यास, हथियारों की बिक्री और तकनीकी सहयोग शामिल हैं.

ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों का प्रभाव अमेरिका में भारतीय पेशेवरों पर पड़ा है. उनकी सख्त वीजा नीतियों से भारतीय श्रमिकों के लिए अमेरिकी जॉब मार्केट में नौकरी पाना मुश्किल हो सकता है, जबकि भारतीय तकनीकी कंपनियां नए बाजारों की तलाश करने या घरेलू अवसर बढ़ाने की दिशा में काम कर सकती हैं.


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भूराजनीतिक प्रभाव
ट्रंप की नीतियां दक्षिण एशिया में भारत के हितों को प्रभावित कर सकती हैं. पाकिस्तान के साथ काम करने की इच्छा जताने के बावजूद ट्रंप आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर जोर देते रहे हैं. उनके पिछले कार्यकाल में पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में कटौती की गई थी, जो आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने के संकेत थे. अमेरिकी चुनाव की गिनती में फिलहाल ट्रंप ने कमला हैरिस पर बढ़त बनाई हुई है. 230 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर लिए हैं. 

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