पाकिस्तान में राजनीतिक संकट, शहबाज शरीफ के इस्तीफे के बाद अनवर उल हक होंगे कार्यवाहक PM

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 12, 2023, 05:16 PM IST

Pakistan Caretaker PM Anwar ul Haq Kakar

Pakistan Caretaker PM: पाकिस्तान में अनवर-उल-हक काकर को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है. निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 9 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था.

डीएनए हिंदी: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में राजनीतिक संकट (Pakistan Political Crisis) गहराया हुआ है. नेशनल असेंबली भंग होने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. इस बीच शहबाज शरीफ के इस्तीफे के बाद अनवर-उल-हक काकर को पाकिस्तान का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है. नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने इसकी जानकारी दी है. रिजाज ने अनवर उल हक को कार्यवाहक पीएम के रूप में नियुक्त करने के संबंध में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को सलाह भेजी है.

दरअसल, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक नाम तय करने को कहा था. यानी दोनों नेताओं को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम चुनना था. नेशनल असेंबली के 9 अगस्त को भंग होने के बाद शहबाज शरीफ और रियाज ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया. शरीफ ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में कहा था कि वह और रियाज शनिवार तक इस पद के लिए किसी नेता का नाम तय कर लेंगे और इस राजनीतिक विचार-विमर्श में पूर्व गठबंधन दलों को भी शामिल किया जाएगा.

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शहबाज शरीफ ने कहा था, ‘कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले गठबंधन साझेदारों को विश्वास में लिया जाएगा. शरीफ और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को 9 अगस्त को भंग कर दिया था. राष्ट्रपति ने कहा था कि अनुच्छेद 224ए के तहत शरीफ और रियाज को नेशनल असेंबली भंग किए जाने के तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर किसी नेता का नाम प्रस्तावित करना है. पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 224(1ए) के प्रावधान के तहत राष्ट्रपति निवर्तमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय असेंबली में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं.’ 

क्या कहता है पाकिस्तान का सविंधान?
संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री और विपक्ष के निवर्तमान नेता के पास अंतरिम प्रधानमंत्री पद पर किसी नेता का नाम तय करने के लिए तीन दिन का समय होता है. अगर दोनों किसी नाम पर सहमत नहीं होते हैं, तो मामला संसदीय समिति को भेजा जाता है. अगर समिति भी कोई निर्णय लेने में विफल रहती है तो पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के पास उसे साझा की गई सूची में से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम चुनने के लिए दो दिन का समय होता है.

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