Bangladesh में हिंदुओं की मुश्किलें और बढ़ीं, घर-संपत्ति जलाने के बाद अब जबरन छीनी जा रही नौकरी

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Sep 01, 2024, 05:14 PM IST

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ ज्यादती 

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा की अपील के बाद भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं. अल्पसंख्यकों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद अब उन्हें नौकरियों से निकाला जा रहा है. 

बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे और सत्ता परिवर्तन (Bangladesh Crisis) के बाद से ही अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू और अल्पसंख्यक समुदायों के मकान और संपत्ति को जलाने और लूटपाट के बाद अब उन्हें नौकरियों से भी निकाला जा रहा है. खबर है कि 50 हिंदू शिक्षकों से जबरन इस्तीफा लिया गया है. बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन ओइक्या परिषद की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद ने दावा किया है कि सरकारी नौकरी कर रहे अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. 

50 हिंदू शिक्षकों से जबरन लिया गया इस्तीफा 
पिछले दिनों बांग्लादेश में एक हिंदू प्रिंसिपल से जबरन इस्तीफा लिया गया था और इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है. बरिशाल के बेकरगंज सरकारी कॉलेज की प्रिंसिपल शुक्ला रानी हलदर से जबरन इस्तीफा लेने की घटना की निंदा सोशल मीडिया पर हो रही है. अब अल्सपंख्यक छात्रों के संगठन ने दावा किया है कि पूरे देश में 50 से ज्यादा शिक्षकों से जबरदस्ती इस्तीफा लिया जा रहा है. सरकारी नौकरियों से लेकर रोजमर्रा के जीवन में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है.


यह भी पढ़ें: 'शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपिए, वरना...', खालिदा जिया की पार्टी ने दिखाई भारत को आंख


बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की 278 घटनाएं 
5 अगस्त को सत्ता परिवर्तन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और खास तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू समुदाय के लोगों की दुकानों, घरों और पूजा स्थलों को निशाना बनाने की कई घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं. देश के 48 जिलों में आगजनी और तोड़फोड़ की 278 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं. भारत की ओर से भी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई गई है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भी देशवासियों से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपील की है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.