पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हो चुका है और फिलहाल सेना (Bangladesh Army Rule) के हाथ में कमान है. सोमवार को देर शाम आर्मी हेडक्वार्टर में विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रपति ने बैठक की थी. बैठक के बाद राष्ट्रपति ने ऐलान किया कि मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी (BNP) लीडर और पूर्व पीएम खालिदा जिया को जेल से रिहा किया जाएगा. जिया की रिहाई के ऐलान के साथ ही इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि देश की सत्ता में उनकी वापसी हो सकती है.
खालिदा जिया का रहा है भारत विरोधी रुख
शेख हसीना (Sheikh Hasina) के सत्ता से बेदखल होने से भारत के साथ पड़ोसी देश के संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है. जानें पड़ोसी देश (Bangladesh Political Crisis) में इस सत्ता बदलाव का असर भारक के साथ रिश्ते किस स्तर तक प्रभावित हो सकते हैं. खालिदा जिया का रुख भारत विरोधी माना जाता है. उनकी पार्टी की नीतियां चीन और पाकिस्तान की ओर झुकी मानी जाती हैं.
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बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी के संस्थापक जियाउर्ररहमान जब बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे तब शेख हसीना ने भारत में ही शरण भी ली थी. शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहने के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध काफी प्रगाढ़ हुए थे. इसके उलट खालिदा जिया ने पिछले कुछ समय में लगातार भारत विरोधी बयान दिए हैं और उन्हें धुर भारत विरोधी नेता माना जाता है.
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चीन के साथ बढ़े संबंध तो भारत को होगी टेंशन
बीएनपी और खालिदा जिया का रुख हमेशा भारत विरोधी रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि शेख हसीना की कट्टर दुश्मन खालिदा जिया जल्द बांग्लादेश की कमान संभाल सकती हैं और सत्ता में आते ही वह भारत विरोधी फैसले भी ले सकती हैं. चीन लंबे समय से बांग्लादेश में अपनी दखल बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में ड्रैगन किसी भी तरह से बांग्लादेश की भागीदारी को बढ़ाना चाहता है. ऐसे में भारत के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं.
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