Rohingya शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के लिए चीन से मदद मांग रहा बांग्लादेश

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 07, 2022, 08:46 PM IST

रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या से परेशान है बांग्लादेश

Rohingya Refugee Issue: रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या से जूझ रहे बांग्लादेश ने अब चीन से मदद मांगी है कि वह इन शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने में उसकी मदद करे.

डीएनए हिंदी: बांग्लादेश ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजने के लिए चीन से सहयोग मांगा है. वांग ने दक्षिण एशियाई देशों में बेहतर व्यापार संबंधों, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समर्थन का वादा किया. चीन ने म्यांमार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल नवंबर 2017 के उस समझौते को लेकर सहमति बनाने के लिए किया था जो उसी साल अगस्त में म्यांमार में उत्पीड़न के चलते भागे लगभग 700,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस भेजने को लेकर था. 

शरणार्थियों को वापस भेजने के प्रयासों के बावजूद, शरणार्थियों ने म्यांमार में खतरे के डर से जाने से इनकार कर दिया था. वांग यी शनिवार शाम ढाका पहुंचे थे और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन से मुलाकात की थी. बांग्लादेश के विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री शहरयार आलम ने कहा कि रविवार सुबह उनके जाने से पहले उन्होंने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. बांग्लादेश के चीन के साथ मजबूत संबंध हैं, जो ज्यादातर कच्चे माल के लिए एक प्रमुख व्यापार भागीदार है. हालांकि, बीजिंग के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना बांग्लादेश के लिए चुनौतीपूर्ण है, जो चीन के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों भारत और अमेरिका के साथ भी राजनयिक और व्यापार संबंधों को संतुलित करता है.

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बांग्लादेश में सक्रिय हैं 500 से ज्यादा चीनी कंपनियां
आपको बता दें कि बांग्लादेश में 500 से ज्यादा चीनी कंपनियां सक्रिय हैं. बांग्लादेश की सभी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे बंदरगाह, एक नदी सुरंग और राजमार्गों में भी चीन शामिल है. साथ ही चीन ने बांग्लादेश को 3.6 अरब डॉलर की लागत से पद्मा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनाने में मदद की है. चीन और ताइवान के बीच हालिया तनाव के बीच, बांग्लादेश ने 'एक-चीन' नीति के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए एक बयान जारी किया था. साल 2008 में चुनाव जीतने के बाद, हसीना सरकार ने चीन के एक अनुरोध पर ढाका में ताइवान के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय को बंद कर दिया था और तब से चीन ने बांग्लादेश में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है.

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बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग कच्चे माल के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर है. कपड़ा निर्यात से बांग्लादेश को 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा आती है. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने कहा कि रविवार को वांग यी ने एक शिष्टाचार मुलाकात के दौरान हसीना से कहा कि उनका देश बांग्लादेश को रणनीतिक विकास भागीदार मानता है और उसका समर्थन करना जारी रखेगा. 'यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश' एजेंसी ने बताया कि वांग यी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सभी मुद्दों पर बांग्लादेश के साथ खड़े होने का भी वादा किया.

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