Bangladesh Unrest: शेख हसीना और खालिदा जिया बांग्लादेश की 2 बेगमों की 3 दशक पुरानी अदावत, जानें पूरी कहानी

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Aug 06, 2024, 05:02 PM IST

शेख हसीना और खालिदा जिया के बीच दुश्मनी

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में जारी संकट के बीच एक बार फिर से सत्ता खालिदा जिया के हाथ में आ सकती है. भारत के पड़ोसी देश में सत्ता का संघर्ष दो ताकतवर परिवारों की महिलाओं के बीच पिछले 3 दशक से चल रहा है. 

बांग्लादेश में सत्ता का संघर्ष खूनी रहा है. मुख्य रूप से यह संघर्ष देश की दोनों प्रमुख पार्टियों बीएनपी (BNP) और अवामी लीग के संस्थापक परिवारों के बीच ही रहा है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले 3 दशक से यह संघर्ष दो महिलाओं शेख हसीना (Sheikh Hasina) और खालिदा जिया (Khaleda Zia) के बीच चल रहा है. बांग्लादेश में सत्ता के इस संघर्ष को बेगमों के बीच संघर्ष कहा जाता है. अब देखना यह है कि बीएनपी प्रमुख की रिहाई के बाद देश की सियासत कैसी करवट लेती है. 

दोस्ती से शुरू सफर खूनी अदावत के साथ हुआ खत्म 
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्ररहमान की बेटी शेख हसीना और बीएनपी के संस्थापक जियाउर्ररहमान की पत्नी खालिदा जिया के बीच 1990 के दशक से ही सत्ता का संघर्ष चल रहा है. शेख और जिया परिवार के बीच जंग खूनी और हिंसक रहा है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब दोनों परिवारों के बीच गहरी दोस्ती थी. बांग्लादेश की आजादी के लिए शेख मुजीबुर्ररहमान और जियाउर्ररहमान ने एक साथ संघर्ष किया था. शेख मुजीब ने अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहने के दौरान जियाउर्ररहमान को सेना की बागडोर सौंपी थी. 


यह भी पढ़ें: बांग्लादेशी हिंदुओं पर जमकर हो रहा हमला, घरों-मंदिरों को जलाया, महिलाओं का किया अपहरण  


हालांकि, यह दोस्ती ज्यादा लंबी नहीं चल सकी. 15 अगस्त 1975 के दिन शेख मुजीब समेत उनके परिवार के कुल 18 सदस्यों की हत्या करने वाली सैन्य टुकड़ी में जियाउर्ररहमान भी शामिल थे. इस हत्याकांड में शेख मुजीब के 3 बेटों समेत बाकी परिवार के सदस्यों की हत्या हुई थी. शेख हसीना और उनकी बहन रिहाना ही इस हत्याकांड में बच सके, क्योंकि दोनों उस वक्त जर्मनी में थीं. 


यह भी पढ़ें: कौन हैं बेगम खालिदा जिया, जिसकी रिहाई के आदेश आते ही भारत के माथे पर पड़ गई शिकन


शेख हसीना और खालिदा जिया भी मिला चुकी हैं हाथ 
इस हत्याकांड की घटना के बाद भी एक दौर ऐसा आया था जब शेख हसीना और खालिदा जिया ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया था.  जियाउर्ररहमान की सैन्य तख्तापलट में 1981 में हत्या कर दी गई थी. बांग्लादेश के तत्कालीन सैन्य प्रमुख मोहम्मद इरशाद ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इरशाद को हटाने के लिए हसीना और जिया दोनों साथ आईं और जीत भी हासिल की. फिर यह दोस्ती ज्यादा दिन नहीं चल पाई और दोनों फिर एक-दूसरे की कट्टर दुश्मन हो गईं.

दोनों ने एक-दूसरे पर राजनीतिक प्रतिशोध का लगाया आरोप 
खालिदा जिया 1991 से 1996 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही थीं और इस दौरान उन पर शेख हसीना के परिवार और अवामी लीग पर राजनीतिक बदला लेने का आरोप लगता था. इसके बाद जब शेख हसीना की सरकार आई तो यही आरोप उन पर भी लगते हैं. हसीना की सरकार में ही खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के केस में जेल जाना पड़ा था. अब जिया जेल से बाहर आ चुकी हैं और शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है. देखना यह है कि बांग्लादेश की राजनीति कौन सा नया मोड़ लेती है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.