बांग्लादेश में पूर्व पीएम देश शेख हसीना के देश छोड़कर भागने और देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद भी शांति बहाल नहीं हुई है. देश में रुक-रुककर हिंसा भड़क रही है. हमलावरों ने गुरुवार रात शेख हसीना की समर्थक जातीय पार्टी के मुख्यालय में आग लगा दी. हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
बांग्लादेश के स्थानीय टीवी चैनल और अन्य मीडिया संस्थानों ने बताया कि हमलावरों ने ढाका के बिजॉय नगर इलाके में जातीय पार्टी (इरशाद) पार्टी मुख्यालय पर धावा बोल दिया. काफी देर तक वहां मौजूद पार्टी सदस्यों के साथ उनकी झड़प हुई और आखिर में हमलावरों ने दफ्तर में आग लगा दी. फिलहाल किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है.
अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के अधिकारी रशीद बिन खालिद ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को फोन पर बताया कि दमकल विभाग की गाड़ियां सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गईं. जातीय पार्टी बांग्लादेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और इसकी स्थापना 1980 के दशक में पूर्व सैन्य तानाशाह एच.एम. इरशाद ने की थी.
UN के आदेश से ढाका में खलबली
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने से पहले और इसके बाद हुई हिंसा के दौरान हुई सभी हत्याओं और अन्य मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की गहन जांच कराने का आह्वान किया.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क की बुधवार को बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा संपन्न हुई. उनकी यात्रा ऐसे समय हुई है जब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश में व्यवस्था स्थापित करने की चुनौतियों से निपट रही है.
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