Biggest Cemetery In The World: सबसे बड़े कब्रिस्तान वाले शहर में दफन करने के लिए मारामारी,  ISIS ने मचाया कहर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 23, 2023, 09:20 AM IST

Wadi Al Salam

Wadi Al Salam: वादी अल सलाम का शाब्दिक अर्थ होता है शांति की घाटी. इराक में जिस जगह का यह नाम है वह वाकई अपने नाम के अर्थ पर पूरी तरह से ठीक बैठती है. दरअसल यहां लोग सुकून की नींद में दफन होने आते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है.  

डीएनए हिंदी: दुनिया के कई शहरों की मान्यता मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए होती है. भारत में काशी ऐसा ही शहर है जबकि इराक में एक शहर ऐसा है जहां दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है.  रॉयटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान इराक के नजफ (नजाफ) शहर में स्थित है. इस कब्रिस्तान का नाम वादी अल सलाम है जिसका अर्थ होता है 'शांति की घाटी'. यह शिया संप्रदाय के लोगों के लिए पवित्र शहर है और धार्मिक महत्व की वजह से यहां दफनाए जाने की तमन्ना बहुत से लोगों में होती है. इस्लामिक स्टेट (ISIS) के साथ संघर्ष बढ़ने के बाद इस शहर में हर रोज मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है. पहले 120 से 150 लोगों को रोज दफनाया जाता था और अब यह बढ़कर 200 लोगों की संख्या तक पहुंच गई है.  

ISIS के हमलों के बाद शवों को दफन करने की जगह नहीं 
रॉयटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट के साथ संघर्ष बढ़ने के बाद से शवों को दफन करने की प्रक्रिया काफी महंगी हो गई है. इराक के इस हिस्से में आईएस की पकड़ है. अब इसके लिए पहले की तुलना में लोगों को दोगुनी रकम चुकानी पड़ रही है और फिर भी जगह भी नहीं मिल रही है. मानक 25 वर्ग मीटर के पारिवारिक दफ्न स्थल की लागत लगभग 5 मिलियन इराकी दीनार (करीब 3.3 लाख रुपये) तक पहुंच गई है. इस्लामिक स्टेट और अर्धसैनिक बलों के बीच इस इलाके में आए दिन संघर्ष होते रहते हैं.

यह भी पढ़ें: भारत से चावल निर्यात बंद तो रूस ने तोड़ा अनाज समझौता, दुनिया के लिए भुखमरी संकट

कब्रिस्तान का है धार्मिक महत्व 
इस कब्रिस्तान का धार्मिक महत्व भी है क्योंकि यह इमाम अली बिन अबी तालिब के मकबरे के पास स्थित है, जो पैगंबर मुहम्मद के दामाद थे. धार्मिक मान्यता की वजह से लोग इसके आसपास परिजनों को दफनाना चाहत हैं. शिया अर्धसैनिक बल आईएस से लड़ने के लिए जाते हैं, तब भी परंपरा के तौर पर अली के स्वर्ण-गुंबद वाले मंदिर का दौरा करते हैं. साथ ही ये सैनिक अपने लिए जीत या फिर वादी अल-सलम में दफ्न किए जाने की दुआ भी मांगते हैं.

यह भी पढ़ें: 'क्या द केरल स्टोरी से कुछ नहीं सीखा', कर्नाटक में मेडिकल छात्रा से मारपीट

पिछले कुछ वक्त से इस इलाके में इस्लामिक स्टेट का प्रभुत्व बढ़ गया है और उसके बाद से शहर के युवा अर्धसैनिक बलों के तौर पर बड़ी संख्या में लड़ाकों के तौर पर शामिल हो रहे हैं. लगातार संघर्ष क्षेत्र रहने की वजह से होने वाली मौतों की संख्या भी पहले से काफी बढ़ गई है. यह इलाका इराक का शिया बहुल इलाका है और यहां उसी संप्रदाय के ज्यादातर लोग रहते हैं. इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक यह इलाका शिया लोगों के लिए भावनात्मक और धार्मिक वजहों से भी खास है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

ISIS Iraq News iraq world news world news in hindi