डीएनए हिंदीः ब्रिटेन में पूर्व पीएम लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद राजनीति संकट एक बार फिर गहरा गया है. प्रधानमंत्री पद की रेस शुरू होने से एक बार फिर भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. रविवार को पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने पीएम पद की रेस से बाहर होने का खुद ही ऐलान कर दिया. इससे ऋषि सुनक की जीत का रास्ता साफ नजर आ रहा है.
क्यों पीछे हटे जॉनसन
दरअसल बोरिस जॉनसन को अगले दौर में पहुंचने के लिए जिसने सांसदों के समर्थन की जरूरत थी उसने उनके पास मौजूद थे लेकिन इनकी संख्या ऋषि सुनक को समर्थन करने वाले सांसदों से काफी कम थी. जॉनसन यह जानते थे कि जिस तरह से ऋषि सुनक को लोगों को समर्थन मिल रहे है, अगले चरण में वह रेस से खुद ही बाहर हो जाएंगे. ऐसे में जॉनसन ने पीएम पद की रेस से बाहर होने का ऐलान कर दिया.
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जीत के करीब पहुंचे सुनक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऋषि सुन पीएम पद की रेस में काफी आगे चल रहे हैं. उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी के 128 सांसदों का समर्थन मिल चुका है. अगले चरण में पहुंचने के लिए उन्हें कम से कम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी. वहीं बोरिस जॉनसन अभी 100 के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए हैं.
कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में हुआ था. उनकी मां का नाम ऊषा सुनक और पिता का नाम यशवीर सुनक था. वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं. उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे. 1960 में वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका चले गए थे और यहीं से उनका परिवार इंग्लैंड पहुंचा. ऋषि सुनक की दो बेटियां हैं. उनकी बेटियों के नाम अनुष्का सुनक और कृष्णा सुनक है. ऋषि सुनक की शुरुआती पढ़ाई इंग्लैंड के 'विनचेस्टर कॉलेज' से हुई है. उन्होंने आगे की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड से की है. 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की.
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भारत से क्या है कनेक्शन
ऋषि सुनक की अक्षता मूर्ति से मुलाकात एमबीए की पढ़ाई के दौरान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी. वहीं दोनों के बीच का प्रेम परवान चढ़ा. 2009 में उन्होंने बेंगलुरु में अक्षता से शादी की. अक्षता इंग्लैंड में अपना फैशन ब्रैंड भी चलाती हैं. आज की तारीख में वह इंग्लैंड की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 'गोल्डमैन सेक्स' में नौकरी की. उसके बाद 2009 में उन्होंने नौकरी छोड़ अपना व्यवसाय शुरू किया. 2013 में 'कैटामारन वेंचर्स यूके लिमिटेड' में उन्हें और उनकी पत्नी को डायरेक्टर नियुक्त किया गया. 2015 में उन्होंने इस फर्म से इस्तीफा दे दिया लेकिन उनकी पत्नी इससे जुड़ी रहीं. यह कंपनी नारायण मूर्ति की है. ऋषि सुनक ने 2014 में पहली बार राजनीति में कदम रखा. 2015 में उन्होंने रिचमंड से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2017 में उन्होंने एक बार फिर जीत मिली. 13 फरवरी 2020 में इंग्लैंड के वित्त मंत्री बनें. बुधवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
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