रूस में ब्रिटेन के राजनयिकों पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जासूसी करने का आरोप लगा है. जिसके बाद 6 ब्रिटिश राजनयिकों की मान्यता रद्द कर दी गई. जिसके बाद वह रूस छोड़कर चले गए. ब्रिटेन ने इन आरोपों को खारिज किया है. राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FSDO) ने कहा कि ब्रिटेन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा को लेकर कोई कोई खेद नहीं है. उसने रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया.
ब्रिटिश राजनयिकों को रूस से निकालने की खबर ऐसे समय आई जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीर स्टॉर्मर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की द्वारा रूस के अंदर मौजूद लक्ष्यों को पश्चिमी देशों द्वारा मुहैया कराई गई मिसाइलों से हमले की अनुमति मांगने के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत करने के लिए वाशिंगटन पहुंचे.
एफसीडीओ ने कहा, ‘एफएसबी द्वारा हमारे कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए जासूसी के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. रूस के अधिकारियों ने पिछले महीने रूस में 6 ब्रिटिश राजनयिकों की राजनयिक मान्यता रद्द कर दी थी. यह कार्रवाई यूरोप और ब्रिटेन में रूसी सरकार द्वारा निर्देशित गतिविधियों के जवाब में ब्रिटेन सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बाद की गई थी. हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के बारे में दृढ़ हैं.’
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एफएसबी ने कहा कि 6 ब्रिटिश राजनयिकों द्वारा खुफिया जानकारी एकत्र करने के संकेत मिले थे और उन्हें हमारे देश को रणनीतिक रूप से पराजित करने का काम सौंपा गया था. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने टेलीग्राम पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘हम ब्रिटेन के राजनयिकों की गतिविधियों के बारे में एफएसबी के आकलन से सहमत हैं. उन्होंने कहा, ‘ब्रिटिश दूतावास वियना संधि (राजनयिक संबंधों पर संयुक्त राष्ट्र संधि) द्वारा निर्धारित सीमाओं से बहुत आगे चला गया है.’
जासूसी करने वाले राजनयिकों की दिखाई गई थी तस्वीरें
एफएसबी के एक अधिकारी ने रूसी मीडिया को बताया, ‘इस अभ्यास (खुफिया जानकारी इकट्ठा करने) को रोकने के लिए दिए गए संकेतों पर ध्यान नहीं दिया गया.’ सुरक्षा सेवा ने यह भी कहा कि अगर ब्रिटिश राजनयिक इसी तरह की गतिविधि में शामिल पाए गए तो वे उनकी मान्यता रद्द कर देंगे. रूसी सरकारी टीवी पर जासूसी में संलिप्त ब्रिटिश राजनयिकों के नाम और उनकी तस्वीरें दिखाई गईं.
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से सभी पक्षों के राजनयिकों का निष्कासन आम है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, राजनयिक मान्यता किसी मेजबान देश द्वारा दूसरे देश के कर्मचारियों की स्थिति को मान्यता देने के लिए दी जाती है. किसी भी देश में राजनयिक के रूप में कार्यरत अधिकारी के लिए राजनयिक मान्यता आवश्यक है. (PTI इनपुट के साथ)
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