डीएनए हिंदी: अफ्रीका का एक छोटा सा देश बुर्किना फासो (Burkina Faso) लगातार चर्चा में बना हुआ है. मंगलवार को बुर्किना फासो के उत्तरी क्षेत्र में हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में 14 लोगों की जान चली गई. मारे गए लोगों में सुरक्षा बलों के 8 जवान बी शामिल हैं. बताया गया कि हथियारबंद जिहादियों ने साफी गांव में सुरक्षाबलों की एक टीम पर हमला कर दिया. इसमें सिविल सुरक्षा के जवान, वॉलंटरियर्स ऑफ द डिफेंस ऑफ द फादरलैंड (VDP) के लोगों की भी जान चली गई.
बुर्किना फासो में आर्मी की मदद करने के लिए दिसंबर 2019 में वीडीपी की स्थापना की गई थी. इसमें देश के आम नागरिक शामिल होते हैं. बताया गया है कि मंगलवार को हुए हमलों में 6 लोग मारकोए में मारे गए. साल 2015 से ही बुर्किना फासो जिहादियों की घुसपैठ और उनके हमलों से परेशान है. इसमें ज्यादातर आतंकी अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े हुए हैं. ये आतंकी लोगों को बुर्किना फासो छोड़कर जाने पर मजबूर कर रहे हैं.
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तख्तापलट के बाद से बेहाल है बुर्किना फासो
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में बुर्किना फासो में तख्ता पलट हो गया था. आर्मी के कर्नलों ने चुने हुए राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे को सत्ता से बेदखल कर दिया था. फिलहाल वहां सेना का शासन चल रहा है. आर्थिक संकट के चलते बुर्किना फासो के लोग खाने-पीने को तरस रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोगुनी फीस चुकाकर शिक्षा हासिल करनी पड़ रही है.
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बीते एक साल में बुर्किना फासो में लगातार बम धमाके और आतंकी हमले हो रहे हैं. पिछले कुछ हमलों में ही सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. देश के स्कूलों का हाल यह है कि 4,000 से ज्यादा स्कूल बंद हैं. लाखों बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. हिंसा और आतंकी घटनाओं के चलते टीचर भी स्कूल से दूर हो गए हैं. जो कुछ स्कूल चल भी रहे हैं वे इतनी फीस ले रहे हैं कि आम बच्चों के लिए स्कूल जा पाना ही दूभर हो गया है.
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