डीएनए हिंदी: भारत से जारी राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने गंभीर आरोप लगाते हुए भारत को विदेश खतरा बताया है, जो संभावित रूप से उनके चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है. इसे एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की शीर्ष विदेशी खुफिया एजेंसी ने भारत और चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की शीर्ष विदेशी खुफिया एजेंसी ने भारत पर देश के चुनाव में संभावित दखलअंदाजी का आरोप लगाया है. भारत सरकार ने अभी तक कनाडा के इस नये आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडा के सर्वोच्च विदेशी खुफिया एजेंसी कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने एक हालिया रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत ने देश के चुनाव में संभावित रूप से हस्तक्षेप किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को कनाडा की मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं की रक्षा के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए.
चीन को लेकर कही गई यह बात
रिपोर्ट में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि हम जानते हैं कि पीआरसी ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से और भ्रामक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी. कनाडाई मीडिया ने कहा है कि दस्तावेज़ के हिस्सों में किसी देश का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन अन्य सामग्रियों में भारत और चीन को शीर्ष ख़तरे के रूप में बताया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी हस्तक्षेप संप्रभुता, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को नष्ट करके कनाडा और कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाता है. इसके साथ यह भी कहा गया कि फॉरेन इंटरफेरेंस गतिविधियां कनाडा के लोकतंत्र के ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं, बहुसांस्कृतिक समाज की कड़ी मेहनत से हासिल की गई सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रही हैं और कनाडाई लोगों के चार्टर अधिकारों का हनन कर रही हैं. जानकारी के लिए बता दें कि FI का मतलब विदेशी हस्तक्षेप है और PRC का मतलब पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में जारी खुफिया रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं.
भारत पर पहले भी आरोप लगा चुका है कनाडा
यह पहली बार है, जब कनाडा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. कनाडा पहले से ही चीन और रूस के खिलाफ ये आरोप लगाता रहा ह. पिछले साल फरवरी में विदेशी हस्तक्षेप पर लोकतांत्रिक संस्थानों के मंत्री की ब्रीफिंग में चीन को खतरा बताया था. आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने देश में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर जस्टिन ट्रूडो को डांटने के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया था. जिसके कुछ दिन बाद ही जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर आरोप लगाया था. UN जनरल असेंबली के सेशन के लिए जब कनाडाई प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क पहुंचे थे, तब भी उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम भारत सरकार से निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग की मांग करते हैं ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके.
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