नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी कहीं हो तो नहीं जाएगी सच, समुद्र का सर्वे क्यों कर रहा चीन?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 15, 2023, 02:25 PM IST

China survey Indian Ocean

चीन ने समुद्री सर्वे करने के लिए श्रीलंका और मालदीव से अपने जहाज को बंदरागाहों पर डॉक करने की अनुमति मांगी है. इससे पहले ड्रैगन एक सर्वे 2 दिसंबर को पूरा कर चुका है.

डीएनए हिंदी: फ्रांस के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की थी कि 2024 में दुनिया 'नौसेनिक युद्ध' का गवाह बनेगी. लाल शत्रु भय से पीला पड़ जाएगा और विशाल महासागर को भयभीत कर देगा. इस लाल रंग को चीन से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि चीन का झंड़ा भी लाल है. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या नास्त्रेदमस भविष्यवाणी सच हो जाएगी? चीन की हरकतों से तो कुछ ऐसा ही लग रहा है. क्योंकि ड्रैगन समुद्री इलाकों का सर्वे करने में जुटा है. उसका Shi Yan 6 जहाज श्रीलंका तट का सर्वे पूरा करने के बाद 2 दिसंबर को सिंगापुर पहुंचा.

चीन यही नहीं रुक रहा है, उसने एक और समुद्री सर्वे करने के लिए श्रीलंका और मालदीव से अपने जहाज को बंदरागाहों पर डॉक करने की अनुमति मांगी है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन 5 जनवरी से मई 2024 तक दक्षिण हिंद महासागर में गहरे पानी में जाकर सर्वे करना चाहते है. इसके लिए वह श्रीलंका और मालदीव से अपने जहाज डॉक करने की अनुमति मांग रहा है. समुद्र में चीन की इस हरकत पर भारत को भी शक होने लगा है. 

समुद्र में कौनसा जहाज भेजेगा चीन
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन अगले सर्वे के लिए जियांग यांग होंग 03 (Xiang Yang Hong 03) जहाज का इस्तेमाल करेगा. जो फिलहाल दक्षिण चीन सागर में जियामेन तट पर मौजूद है. अगर श्रीलंका और मालदीव इस सर्वे के लिए इजाजत दे देते हैं तो चीन का जहाज मलक्का के रास्ते श्रीलंका और मालदीव के तटों पर पहुंचेगा. भारत इस सर्वे के लिए पहले ही आपत्ति जता चुका है. भारत ने श्रीलंका और मालदीव से पहले ही कह रखा है कि भविष्य में चीन को किसी भी सैन्य अभियान के लिए हिंद महासागर में जाने की अनुमति न दें.

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क्या समुद्र में युद्ध की तैयारी कर रहा चीन?
हालांकि, अब देखना यह होगा कि श्रीलंका और मालदीव इस पर क्या कदम उठाते हैं. चीन की इस हरकत से भारत भी चिंतित है. क्योंकि ड्रैगन का यह जहाज बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकर्स और रिसर्च सर्विलांस तकनीकों से लैस है. डैगन पिछले कुछ समय से समुद्र में सर्वे के नाम पर जासूसी करने में लगा है. 

हिंद महासागर भारत के लिए मजबूत बैकयार्ड माना जाता है. इससे भारत का आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रिश्ता जुड़ा हुआ है. यही वजह है कि ड्रैगन इस पर लगातार नजर गड़ाए हुए है. ऐसे में नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि कहीं चीन समुद्र में युद्ध की तैयारी तो नहीं कर रहा है. हालांकि समुद्र में एक विवाद उसका ताइवान के साथ भी चल रहा है.

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