India China Faceoff: सैटलाइट इमेज से LAC पर दिखी चीन की बड़ी तैयारी, क्या लड़ाई छेड़ने की मंशा है?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 14, 2022, 09:13 PM IST

भारत-चीन सीमा की लेटेस्ट Satellite Image से चीन का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ता हुआ साफ दिख रहा है. (फोटो- IANS)

Arunachal Pradesh से लेकर Doklam में अपने कब्जे वाले इलाके तक में चीन ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है.

डीएनए हिंदी: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में 300 चीनी सैनिकों के 9 दिसंबर को घुसपैठ के बाद ड्रैगन की बड़ी मंशा सामने आई है. तवांग सेक्टर (Tawang Sector) के यांगत्से (Yangtse) इलाके में घुसे चीनी सैनिकों को भारतीय जवानों ने बहादुरी से खदेड़ दिया, लेकिन अब सामने आईं सैटलाइट इमेज ने भारतीय सेना के कान खड़े कर दिए हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के करीब अपने इलाके में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है. अरुणाचल प्रदेश से लेकर दोनों देशों के बीच पहले स्टैंडऑफ का कारण बन चुके डोकलाम (Doklam) रीजन के चीनी कब्जे वाले एरिया तक में चीन ने नए पुल बनाए हैं, गांव बसाए हैं और साथ ही सड़कें भी बना ली हैं, जो उसके इस इलाके में किसी सुनियोजित इरादे के संकेत दे रही हैं. हालांकि 9 दिसंबर की घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से आए बयान में LAC पर हालात स्थिर होने और दोनों देशों के बीच सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए वार्ता होने की बात कही गई है.

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दोकलाम में चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर ज्यादा चिंता की बात

दोकलाम इलाका सिक्किम (Sikkim) में उस ट्राईजंक्शन पर मौजूद है जहां भारत-तिब्बत-भूटान की सीमाएं मिलती हैं. इस जगह के करीब ही भारतीय नक्शे की वह 'चिकन नेक (Chicken Neck)' भी है. सिलीगुड़ कॉरिडोर (Siliguri corridor) कहे जाने वाले इस इलाके में भारतीय एरिया सिमटकर महज 22 किलोमीटर चौड़ा रह जाता है. यह चिकन नेक उत्तर पूर्व के कई राज्यों को भारत से जोड़ता है. इसी जगह पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच साल 2017 में 73 दिन तक गतिरोध बना रहा था और लड़ाई शुरू होने से बाल-बाल बची थी. वह गतिरोध चीन के भूटानी इलाके में भारतीय सीमा के करीब सड़क बनाने को लेकर था.

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अब ताजा सैटलाइट इमेज में चीन के इस इलाके में अपने कब्जे वाले हिस्से में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लेने के सबूत मिले हैं. चीन ने सीमा के करीब कंक्रीट की मजबूत सुरंगें तैयार की हैं, जिनमें भारी गोला बारूद स्टोर किया जा सकता है. साथ ही अपने सैनिकों की संख्या भी दोगुनी की है. साथ ही चीन ने एक पुल भी तैयार किया है, जो उसके जवानों को भारतीय सीमा तक तेजी से पहुंचाने में मददगार साबित होगा.

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ट्राई-जंक्शन से 9 किमी दूर कब्जा रहा भूटानी इलाका

India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्राई-जंक्शन से महज 9 किलोमीटर दूरी पर चीन लगातार भूटानी इलाके में अपना कब्जा बढ़ा रहा है. चीन ने साल 2020 में इस इलाके में पांगडा गांव (Pangda Village) बसाया था, जिसे साल 2021 में और ज्यादा बढ़ा दिया है. अब इस गांव के दक्षिण में विस्तार की इमेज सामने आई हैं. इमेज में तोरसा जलस्रोत पर पुल के साथ ही इस इलाके में नई बिल्डिंग्स चीन ने बनाई हैं.

सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब सीमा से महज 20 किलोमीटर दूर उत्तर में लांगमारपो नाम की जगह पर भी चीन ने भूटानी इलाके को कब्जा लिया है और यहां तेजी से कंस्ट्रक्शन कर रहा है. इन इलाकों में साईबुरू, कैटानगसा और क्यूले भी शामिल हैं.

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