AI से न्यूक्लियर वैपन कंट्रोल करेगा चीन? इस संभावना से क्यों मची यूएस समेत दुनिया भर में खलबली

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 11, 2024, 04:50 PM IST

China Nuclear Weapons Update: दक्षिण कोरिया में हुए सम्मेलन में परमाणु हथियारों के नियंत्रण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर रोक लगाने वाले समझौते पर सहमति जताने से चीन ने इंकार कर दिया है.

China Nuclear Weapons Update: जापान पर हुए परमाणु हमलों ने दुनिया को साल 1945 में ये बता दिया था कि इसका असर कितना भयावह हो सकता है. आज के समय में दुनिया के तमाम देशों के पास परमाणु हथियार हैं. आर्टिफिशियल इंटलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के बीच परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने में भी इसका उपयोग करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जो मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है. इसी कारण साउथ कोरिया में आयोजित REAIM सम्मेलन में परमाणु उपकरणों और हथियारों को कंट्रोल करने में AI का इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया गया. इसे लेकर एक समझौता करने की कोशिश की गई, जिस पर सहमति जताने से चीन ने इंकार कर दिया है. अमेरिका के बाद दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति माने जा रहे चीन के इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने से उसके न्यूक्लियर वैपन कंट्रोल में AI का उपयोग करने की आशंका बढ़ गई है. इसके चलते पूरी दुनिया चिंता में पड़ गई है.

60 देशों के सम्मेलन में अधिकतर ने जताई सहमति

साउथ कोरिया कि राजधानी सिओल में हुई Responsible AI in the Military Domain (REAIM) शिखर सम्मेलन में दुनिया के 60 देशों ने हिस्सा लिया, जिसमें यह घोषणा की गई कि परमाणु हथियारों का नियंत्रण इंसानों के हाथ में रहेगा, न कि AI के हाथ में. अमेरिका और UK जैसे देशों ने इस समझौते का समर्थन किया. लेकिन चीन ने इससे दूरी बनाई और रूस को यूक्रेन युद्ध के कारण इस सम्मेलन में  शामिल नहीं किया गया. यह स्थिति वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गई है क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार रखने वाले दो देशों की इस समझौते पर सहमति नहीं है.

चीन की मंशा पर सवाल

चीन का इस समझौते से पीछे हटना कई सवाल खड़े कर रहा है. चीन बार-बार यह साबित कर चुका है कि वह आधुनिक तकनीकों में निवेश और अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है. एआई तकनीक के उपयोग से अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने की उसकी मंशा साफ दिख रही है. इस संदर्भ में चीन का एआई संचालित सैन्य प्रणालियों में बढ़ती रुचि  और इस समझौते से दूरी बनाना यह संकेत देता है कि वह एआई के जरिए परमाणु हथियारों के नियंत्रण की संभावना को खारिज नहीं कर रहा है.

वैश्विक अस्थिरता और चिंता

दुनिया में वर्तमान में अस्थिरता का माहौल है.बीते दो साल से लगातार चल रहे  रूस-यूक्रेन युद्ध ने जहां चिंता बढ़ा रखी है  उस  बीच ऐसे में चीन का यह कदम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरे का संकेत माना जा रहा है.सम्मेलन को संबोधित करते हुए  दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने चेतावनी दी कि सैन्य उपकरणों में  एआई का दुरुपयोग गंभीर खतरे पैदा कर सकता है.

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