Xi Jinping विरोधी पूर्व मंत्री ने ली थी रिश्वत, चीन की अदालत ने दे दी मौत की सजा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 24, 2022, 07:48 AM IST

चीन में भ्रष्टाचार करने वाले एक मंत्री को वहां की अदालत ने बेहद सख्त सजा सुना दी है जो कि अन्य भ्रष्टाचारियों के लिए एक मिसाल बन गया है.

डीएनए हिंदी: चीन में भ्रष्टाचार को लेकर शी जिनपिंग सरकार (Xi Jinping) काफी सख्त रही है. जहां छोटे-से-छोटे भ्रष्टाचार के मामले में आरोपियों को सख्त-से-सख्त सजा दी जाती है. कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है. अहम बात यह है कि इस बार पुलिम महकमे के सबसे पावरफुल उप मंत्री पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे. इसके बाद उसे कोर्ट ने दो साल की सजा के साथ ही उसकी मौत का फरमान भी सुना दिया है. 

आरोपों की बात करें तो इस पुलिस उप मंत्री पर सरकारी अधिकारियों के एक आपराधिक गिरोह का नेतृत्व करने से लेकर शेयर बाजार में हेरफेर करने, रिश्वत लेने और अन्य अपराधों को अंजाम देने के गंभीर आरोप थे जिसके बाद इसके खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा था.

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जिनपिंग विरोधी होने का आरोप

आपको बता दें कि इससे एक दिन पहले गुरुवार को दो वरिष्ठ अधिकारियों को एक अदालत ने भ्रष्टाचार और पद के दुरूपयोग के मामले में सजा सुनाई गई थी. आरोपी पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विरोधियों के एक समूह का नेतृत्व करने का भी आरोप है. ऐसे में सख्त एक्शन लेते हुए जन सुरक्षा मामलों के पूर्व उप मंत्री सुन लिजुन को रिश्वत लेने के आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई है.

इस मामले में चीन के टीवी चैनल सीसीटीवी ने बताया है कि सुन को पूर्वोत्तर शहर चांगचुन की अदालत ने 646 मिलियन युआन (91 मिलियन डॉलर) रिश्वत लेने का दोषी ठहराया था. सुन पर 2018 में अपने आधिकारिक पद का दुरपयोग करने का आरोप लगाया गया था.

इसके अलावा उन पर एक व्यापारी को नुकसान से बचाने में मदद करने के लिए स्टॉक ट्रेडिंग में हेरफेर करने के संगीन आरोप लगाए गए थे. उन पर कोव‍िड-19 (COVID-19) के प्रकोप के दौरान आधिकारिक नौकरी बेचने और अपना पद छोड़ने का भी आरोप लगाया गया था.

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कुर्क कर ली जाए संपत्ति

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक उन पर आरोप है कि वह शेयर बाजार को प्रभावित कर रहे थे और अवैध रूप से हथियार रखे हुए थे. इस मामले में पूर्वोत्तर चीन में जिलिन प्रांत स्थित इंटरमेडिएट पीपुल्स कोर्ट ऑफ चांगचुन ने कहा कि सुन को उनके राजनीतिक अधिकार से भी वंचित कर दिया जाए और उनकी सारी निजी संपत्ति कुर्क कर ली जाए.

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