डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने देश को FATF की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. इस कोशिश में पाकिस्तान को भारत विरोधी चीन के साथ तुर्की और मलेशिया का भी साथ मिल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तीनों देशों ने पाकिस्तान की मुश्किल आसान करने के लिए कूटनीतिक दांव लगाना शुरू कर दिया है. भारत के खिलाफ चीन की चालाकी कोई नई बात नहीं है और इसमें अब उसे मलेशिया और तुर्की का भी साथ मिल रहा है.
China ने फिर की भारत के साथ चालाकी
चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ता है. अब पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में से निकालन के लिए चीन, तुर्की और मलेशिया भी साथ आ गए हैं. इससे पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से निकलने की संभावना काफी बढ़ गई है.
पाकिस्तान चीन, तुर्की और मलेशिया की मदद से विश्व स्तर पर धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण के खतरों से निपटने वाले ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (FATF) की ‘ग्रे’ सूची से बाहर निकल सकता है. पाकिस्तान ने ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए व्यापक स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए हैं. मीडिया की एक खबर में मंगलवार को यह जानकारी दी गई है.
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जून 2018 से ही ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला था. अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल 2021, अक्टूबर 2021 और मार्च 2022 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी. इस बार की बैठक 14 जून से 17 जून तक जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित की जा रही है.
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखने वाली संस्था फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) 17 जून को पाकिस्तान के भविष्य का फैसला करने वाली है. पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस बार उनके देश को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सकता है.
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FATF ने अब तक नहीं दिए हैं ऐसे संकेत
हालांकि, एफएटीएफ की तरफ से अभी तक इस मुद्दे को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है. इस बार की बैठक 14 जून से 17 जून तक जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित की जा रही है. पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बरकरार है.
मार्च 2022 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी. पाकिस्तान एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है. इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है. एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.
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