डीएनए हिंदी: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले कुछ वक्त से घरेलू मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं. अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से जूझ रहे चीनी राष्ट्रपति अब नया देशभक्ति का कानून ही लेकर आए हैं. रोजगार के कम होते अवसरों को देखकर बड़ी संख्या में चीनी नागरिक नौकरी के लिए दूसरे देशों का रूख भी कर रहे हैं. देश में कई जगहों पर बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं. इन सबके बीच चीनी सरकार को लग रहा है कि नागरिकों में देशभक्ति की भावना अब पहले जैसी नहीं रही है. इसे देखते हुए राष्ट्रपति ने एक नया देशभक्ति कानून लागू करने का फैसला किया है. इस कानून को पूरे देश में लागू किया जाएगा और स्कूली बच्चों को राष्ट्रभक्ति की शिक्षा दी जाएगी.
शी जिनपिंग की सरकार ने देशभक्ति शिक्षा कानून को अमल में लाने का फैसला किया है. ये कानून अगले हफ्ते से चीन में लागू किया जाएगा. इसके तहत स्कूलों में बच्चों को देशभक्ति की सीख दी जाएगी. चीन में देशभक्ति का जबरन पाठ पढ़ाने का यह पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी अपने अल्पसंख्यक समूह उइगर मुसलमानों पर भी चीन कई तरह की ज्यादती करता रहा है. अल्पसंख्यकों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और उनसे जबरन देशभक्ति के लेख लिखवाए जाने की खबरें सामने आई थीं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में चल रही है प्रचंड शीतसहर, वीकेंड के दिन घर में ही रहें
स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा देशभक्ति कानून
चीन के सरकारी अधिकारी ने नए कानून के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देशभक्ति शिक्षा कानून का मकसद राष्ट्रीय एकता को बढ़ाना है. छोटे बच्चों से लेकर सभी क्षेत्रों के श्रमिकों और पेशेवरों तक को देश के सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मूल्यों में अपना विश्वास जताना होगा. इन मूल्यों और संकल्पों के लिए नागरिकों को ईमानदार बनाने और राष्ट्र को प्राथमिकता देना भी कानून का उद्देश्य है. बच्चों के स्कूलों में भी देशभक्ति कानून को सिलेबस में जोड़ा जाएगा.
चीन के लोगों को एकजुट करने की कोशिश
सरकारी अधिकारी ने कानून के बारे में कहा कि इस कानून का मकसद चीन के राष्ट्रीय विचारों को एकजुट करने की है. हम एक मजबूत देश के निर्माण और राष्ट्रीय कायाकल्प के लिए अपने नागरिकों की ताकत को इकट्ठा करने के लिए है. बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था लगातार मुश्किल दौर से गुजर रही है. देश में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है और युवाओं में रोजगार के अवसर नहीं होने की वजह से काफी परेशान हैं. देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी मुश्किल हालात झेल रहा है.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश चुनाव: चीन की वजह से भारत के लिए शेख हसीना की जीत जरूरी
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.