भारत को उकसाने के लिए ड्रैगन की फिर स्टंटबाजी, अरुणाचल के 11 स्थानों पर ठोका दावा, जारी की चीनी नामों की सूची 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 03, 2023, 09:41 PM IST

China On Arunachal: चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 6 स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की थी.

डीएनए हिंदी: भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. ड्रैगन ने अरुणाचल पर अपने दावे को फिर से पुख्ता करने के मकसद से चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है. चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार 'तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान' बताता है.

सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सोमवार को अपनी एक खबर में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के आधिकारिक नाम जारी किए, जिनमें 2 भूमि क्षेत्रों, 2 आवासीय क्षेत्रों, 5 पर्वत चोटियों और 2 नदियों समेत सटीक निर्देशांक भी दिए गए हैं. इसके अलावा स्थानों के नाम और उनके अधीनस्थ प्रशासनिक जिलों की श्रेणी सूचीबद्ध की गई है. चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है.

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चीन ने अरुणाचल के छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी. भारत पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी कदम को खारिज कर चुका है और यह कहता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश सदैव भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा. भारत ने कहा कि गढ़े गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलता.

भारत ने लगाई थी लताड़
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिसंबर 2021 में कहा था, 'यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में इस तरह से स्थानों का नाम बदलने का प्रयास किया है.' उन्होंने कहा था, 'अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और सदा रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को गढ़े गए नाम देने से यह तथ्य नहीं बदल जाता.'

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‘ग्लोबल टाइम्स’ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशनों का हिस्सा है. इसने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि नामों की घोषणा एक वैध कदम है और भौगोलिक नामों को मानकीकृत करना चीन का संप्रभु अधिकार है. तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बाद 2017 में चीन द्वारा नामों की पहली सूची की घोषणा की गई थी. चीन ने उनकी यात्रा की काफी आलोचना की थी. दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के रास्ते तिब्बत से भाग आए थे और उन्होंने 1950 में तिब्बत पर चीन के सैन्य नियंत्रण के बाद 1959 में भारत में शरण ली थी. (इनपुट- भाषा)

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