डीएनए हिंदी: चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई (Shanghai) के 100 साल पुराने रूईजिन अस्पताल में शनिवार को एक हमलावर ने चार लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. हमलावर ने इससे पहले चाकू की नोंक पर बहुत सारे मरीजों को बंधक बना रखा था, जिन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. हालांकि चारों घायलों की मौत की अभी तक शंघाई पुलिस ने इसकी ऑफिशियल पुष्टि नहीं की है.
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, हुआंग्पू (Huangpu) डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर कहा है कि वे सुबह 11.30 बजे अस्पताल में चाकूबाजी की सूचना मिलने पर पहुंचे थे, जहां 7वें फ्लोर पर एक आदमी ने आउटपेशेंट डिपार्टमेंट के बाहर चाकू के जरिए भीड़ को बंधक बना रखा था. हमलावर के बंधकों को चाकू मारने की धमकी देने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें वह घायल हो गया और गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने किसी के भी घायल नहीं होने की बात कही है. हमलावर की पहचान जाहिर नहीं की गई है. पुलिस ने अस्पताल को खाली कराकर सील कर दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भागते दिख रहे मरीज-डॉक्टर
इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं. इन वीडियो में हॉस्पिटल के बाहर बेहद भगदड़ के हालात दिखाई दे रहे हैं, जिनमें डॉक्टर अपने मरीजों को साथ लेकर बदहवास हालत में दौड़कर बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं. मरीजों में से कई व्हील चेयर्स पर बैठकर ही आ रहे थे, जबकि एक मरीज को तो मोबाइल बेड पर ही बाहर लाया गया.
एक वीडियो में सीढ़ियों के मार्बल सरफेस पर खून की लंबी कतार दिखाई दे रही है. शंघाई के एक नागरिक ने कहा, यह बहुत शॉकिंग है. समाज को क्या हो गया है? वह हॉस्पिटल को सील कर दिए जाने के कुछ ही पल बाद वहां अपना चेकअप कराने पहुंचा था.
एक महीने में शंघाई में चाकूबाजी की दूसरी घटना
चीन के फाइनेंशियल हब शंघाई में यह एक महीने के अंदर चाकूबाजी की ऐसी दूसरी बड़ी घटना है. इससे पहले जून की शुरुआत में कोविड-19 लॉकडाउन खत्म होने के तत्काल बाद ऐसी ही चाकूबाजी की एक घटना हुई थी.
अस्पतालों की प्रक्रिया से नाराज हैं चीनी नागरिक
चीन में बहुत सारे लोग अस्पतालों की प्रक्रिया से नाराज चल रहे हैं, जिनका मानना है कि अस्पतालों में दलालों के जरिए अवैध तरीके से अपॉइंटमेंट्स हासिल करना, डॉक्टरों के पास लगी लंबी कतारें और भ्रष्टाचार के कारण उन्हें इलाज हासिल करने में ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. इसके चलते वहां मरीजों की तरफ से डॉक्टरों पर हमलें की घटनाएं आम बात हो गई हैं.
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