China vs Taiwan: किसी भी कीमत पर करेंगे ताइवान पर कब्जा, चीन ने दी बड़े हमले की धमकी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 14, 2022, 05:04 PM IST

China vs Taiwan टकराव के बीच अब चीन सीधे तौर पर ताइवान पर हमले की बात करने लगा है और किसी भी कीमत पर ताइवान पर कब्जा करना चाहता है.

डीएनए हिंदी: जमीन के कब्जे को लेकर चीन और ताइवान की लड़ाई (China vs Taiwan) अब आक्रामक हो रही है. चीन लगातार ताइवान पर अपना दबाव बढ़ा रहा है. इस बीच चीनी सत्ताधारी पार्टी यानी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CCP) ने एक श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि चीन किसी भी कीमत पर ताइवान पर अपना कब्जा हासिल करेगा और दुनिया को चीन की वन चाइना पॉलिसी (One China Policy) का पालन करना ही होगा.

दरअसल, ताइवान में कब्जे के मुद्दे पर चीन ने एक बार फिर खुले तौर पर धमकी दी है. हाल ही में जारी एक श्वेतपत्र के अनुसार चीन ने कहा है कि अब वह ताइवान द्वीप को अपने मेनलैंड के साथ जोड़ेगा. वहीं अगर ऐसा शांति से नहीं होगा तो वह अपने सैन्य बल का भी इस्तेमाल करेगा लेकिन किसी भी कीमत पर वह ताइवान पर अपना कब्जा स्थापित कर लेगा.

Xiaomi ने बनाया बेहतरीन स्मार्ट रोबोट, इंसानों की फीलिंग के अनुसार करता है काम

CCP ने जारी किया श्वेत पत्र 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) द्वारा जारी इस पत्र में चीन ने एक बार फि ताइवान को अपना हिस्सा बताया और One China Policy को दोहराया है. इसके साथ ही सीसीपी ने कहा है कि हम शांतिपूर्ण मिलन का प्रयास करते हैं. अगर ताइवान इसका विरोध करता है तो हम बल प्रयोग के विकल्प को चुनेंगे और वहां अपना कब्जा करेंगे. 

Independence Day 2022: 1996 जब हुआ अटल युग का उदय, देश के PM बनें अटल बिहारी

गौरतलब है कि ताइवान और वन चाइना पॉलिसी पर पर चीन का ये तीसरा श्वेतपत्र है. वहीं पहला श्वेतपत्र 1993 में आया था. जिसमें ताइवान को स्वायत्तता देने के साथ साथ कई और वायदे किए गए थे. इसके बाद 2000 में दूसरा श्वेत पत्र जारी हुआ था. जिसमें चीन ने वादा किया था कि चीनी सैनिक ताइवान की मीडियन लाइन को नहीं पार करेंगे. इस बार के श्वेतपत्र में चीन ने ताइवान को मेनलैंड के साथ जोड़ने की बात कही है जो दिखाता है कि चीन अब किसी भी हद तक जाकर ताइवान को कब्जा करना चाहता है.

1947 के विभाजन पर VIDEO जारी कर BJP ने नेहरू पर साधा निशाना, कांग्रेस ने दिया जवाब

अमेरिका का भी है पंगा

आपकों बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद ही चीन, ताइवान और अमेरिका पर भड़का हुआ है और दूसरी ओर ताइवान का खुलकर अमेरिका ने समर्थन किया है. इसके बावजूद यदि चीन ताइवान पर हमला करता है तो यह वैश्विक शांति के लिए खतरा हो सकता क्योंकि इसमें अमेरिका की भी एंट्री हो सकती है. वहीं चीन भी वन चाइना पॉलिसी के उल्लंघन को लेकर अमेरिका को खरी-खरी सुना चुका है जिससे दोनों देशों के भीतर सीधा टकराव भी दिखता रहा है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

china taiwan Xi Jinping china taiwan news Nancy Pelosi