Chinese Couple ने घूस देकर की 'देश' खरीदने की कोशिश, समझें क्या है द्वीप कब्जाने का यह मामला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 14, 2022, 09:02 PM IST

चीनी नागरिकों ने जमकर दी रिश्वत

Marshall Islands Mini State Case: चीन के दो नागरिकों ने मार्शल आइलैंड्स के एक द्वीप को खरीदकर उसे अपना देश बनाने की कोशिश की.

डीएनए हिंदी: चीन के एक कपल ने घूसखोरी और भ्रष्टाचार के दम पर एक द्वीप 'खरीद' लिया. इस कपल की कोशिश थी कि वे इसे अपना देश बना लें और चैन से रहें. तमाम कोशिशों के बावजूद उनका यह भ्रष्टाचार उजागर हो गया है. अमेरिका में इसका मुकदमा चल रहा है. मार्शल आइलैंड को 1979 में आजादी मिली थी. अमेरिका अपने सुरक्षा गठजोड़ के साथ यहां कायम है लेकिन चीन भी इस द्वीप समूह पर अपना दावा मजबूत करने की कोशिशों में लगा हुआ है. ऐसे में चीनी नागरिकों की इस कोशिश को शक की निगाह से देखा जा रहा है.

आरोप है कि इस कपल (केरी यान और जिना झाऊ) ने मार्शल आइलैंड की सरकार में शामिल कुछ सांसदों को खरीदने की कोशिश की. अमेरिका की विपक्षी पार्टियों ने इस बारे में कई बार सवाल भी उठाए हैं लेकिन मार्शल आइलैंड की सरकार ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया है. अब केरी और जिना के खिलाफ मार्शल आइलैंड्स की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने का केस चल रहा है.

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मार्शल आइलैंड्स के सांसदों को जमकर खिलाए पैसे
केरी और जिना के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक, इन दोनों ने कुछ सांसदों को एक बिल के समर्थन में वोट डालने के लिए घूस दी थी. इन लोगों को 7 से 22 हजार डॉलर तक दिए गए. कहा जाता है कि इन्हीं दोनों की वजह से मार्शल आइलैंड्स में साल 2018 और 2020 में सेमी ऑटोनॉमस रीजन के गठन पर चर्चा शुरू हुई थी. हालांकि, इन दोनों को साल 2020 में थाईलैंड में गिरफ्तार कर लिया गया था. पिछले हफ्ते ही उन्हें अमेरिका लाया गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों न्यूयॉर्क में एक एनजीओ चलाते थे. इसी के ज़रिए दोनों ने मार्शल आइलैंड्स के अधिकारियों से संपर्क साधा और उन्हें घूस खिलाई. दरअसल, अमेरिका ने 1950 में इस द्वीप पर हाइड्रोजन बम की टेस्टिंग की थी और उसके बाद से ही यह खाली पड़ा था. केरी और जिना की कोशिश थी कि कानूनों में बदलाव करके बाहरी लोगों के आने पर लगी पाबंदी हटा दी जाए. इसी मिशन के तहत इन लोगों आइलैंड के छह सांसदों के साथ उठना-बैठना शुरू कर दिया.

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जिन सांसदों से केरी और जिना ने संपर्क साधा और उन्हें घूस खिलाई उन्हीं लोगों ने 2018 सेमी ऑटोनॉमस रीजन वाला बिल पेस किया. हालांकि, उस समय मार्शल आइलैंड की राष्ट्रपति रहीं हिल्दा हिन ने इसका विरोध किया और यह बिल पास नहीं हो पाया. 2019 में हिल्दा चुनाव हार गईं. 2020 में एक प्रस्ताव पारित करके सेमी ऑटोनॉमस रीजन के गठन के लिए नए बिल का रास्ता साफ कर दिया गया.

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