डीएनए हिंदी: भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Dispute) दशकों पुराना है. चीन ने लगातार घुसपैठ की कोशिशें की हैं और नियंत्रण रेखा में बदलाव के हर तरीके के प्रयास कर डाले हैं. एक स्टडी के मुताबिक, अक्साई चिन (Aksai Chin) क्षेत्र में चीन की ओर से पैदा किए जाने वाले विवाद अनियोजित या अपने-आप हो जाने वाली घटनाएं नहीं हैं. स्टडी में सामने आया है कि चीन ने पूरी रणनीतिक योजना बनाकर अपनी विस्तारवादी नीति के तहत इस तरह की घुसपैठ की कोशिश की. यह स्टडी अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने की है.
नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेल्फ्ट (नीदरलैंड) और नीदरलैंड डिफेंस एकेडमी ने इन घुसपैठों का विश्लेषण किया है. इस टीम ने 15 सालों के डेटा का अध्ययन किया है. इस स्टडी को 'राइजिंग टेंशन इन द हिमालया: ए जियोस्पैटियल अनैलेसिस ऑफ चाइजीस बॉर्डर इनकर्सन्स इनटू इंडिया' नाम से प्रकाशित किया गया है. इस स्टडी में लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक फैली भारत-चीन सीमा का विस्तार से अध्ययन किया गया है.
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अक्साई चिन क्षेत्र में चीन ने जमकर की घुसपैठ
स्टडी में कहा गया है कि भारत-चीन सिमा विवाद को पश्चिम और पूर्व में बांटा जा सकता है. पूर्व में अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम में अक्साई चिन. पश्चिम में चीन ने रणनीतिक रूप से और योजनाबद्ध तरीके से काम किया. इस टीम ने नक्शे पर 13 ऐसे हॉटस्पॉट की पहचान की जहां सबसे ज्यादा बार घुसपैठ हुई. 15 साल के डेटा के मुताबिक, हर साल 7.8 घुसपैठ हुईं. हालांकि, भारत सरकार के हिसाब से यह आंकड़ा काफी ज्यादा है.
आपको बता दें कि चीन, भारत के अरुणा प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है जबकि यह प्रदेश भारत का हिस्सा है. दूसरी तरफ, पश्चिम में स्थित अक्साई चिन मौजूदा समय में चीन के कब्जे में है. 2019 में भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीनी सेना ने 2016 से 2018 के बीच 1,025 बार घुसपैठ की कोशिश की. 2016 में 273 तो 2017 में 426 बार चीनी घुसपैठ हुई. 2018 में इन मामलों में और बढ़ोतरी हुई और साल भर में 326 बार घुसपैठ की गई.
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रिसर्च करने वाली टीम ने 2006 से 2022 तक के डेटा का अध्ययन किया. गेम थ्योरी और स्टैटिस्टिकल मेथड का इस्तेमाल करके इस डेटा का विश्लेषण किया गया. स्टडी ने साफ-साफ कहा है कि चीन की ओर से हुई यह घुसपैठ गलती से नहीं हुईं बल्कि इनके पीछे पूरी रणनीति काम करती है. चीन की विस्तारवादी रणीति के तहत ही इस तरह की कार्रवाई को बढ़ावा दिया जाता है.
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