डीएनए हिंदी: भारत और भूटान के बीच डोकलाम क्षेत्र (Doklam Region) काफी दिनों से विवादित रहा है. हाल ही में तस्वीरें सामने आईं थीं जिसमें देखा गया कि डोकलाम क्षेत्र में चीन की ओर से घर बनाए जा रहे हैं. इन तस्वीरों से सामने आते ही भारतीय थलसेना (Indian Army) के चीफ जनरल मनोज पांडे भूटान के दौरे पर पहुंचे हैं. रणनीतिक तौर पर काफी अहम माने जाने वाले डोकलाम क्षेत्र में चीन की गतिविधि, लद्दाख विवाद और भारत-चीन के बीच जारी वार्ता के मद्देनजर जनरल मनोड पांडे (General Manoj Pandey) के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है.
भारतीय सेना की ओर से बताया गया कि जनरल मनोज पांडे अपने इस दौरे पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मिलेंगे. इसके अलावा, वह रॉयल भूटान सेना के चीफ के साथ भी वार्ता करेंगे. आपको बता दें कि जनरल मनोज पांडे की भूटान यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब कुछ दिनों पहले नई सैटेलाइट तस्वीरों में चीन को भूटान की तरफ डोकलाम पठार के पूर्व में एक गांव का निर्माण करते हुए दिखाया गया था. यह क्षेत्र भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
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डोकलाम क्षेत्र की ये तस्वीरें सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रहा है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, डोकलाम पठार की स्थिति के साथ-साथ इस क्षेत्र में चीनी गतिविधियों के मुद्दे को भी जनरल पांडे अपने भूटानी वार्ताकारों के साथ बातचीत में उठाएंगे.
भारत-भूटान संबंधों के लिए खास है यह दौरा
आर्मी ने एक बयान में कहा है, 'यह यात्रा दोनों देशों के शानदार और समय-समय पर खरे उतरने वाले द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है.' सेना ने यह भी कहा कि जनरल पांडे भूटान के तीसरे राजा जिग्मे दोरजी वांगचुक की याद में बनाए गए थिंफू स्थित राष्ट्रीय स्मारक चोर्टेन में श्रद्धांजलि अर्पित करके अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे.
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जनरल पांडे की इस यात्रा के बारे में जारी किए गए बयान में कहा गया कि आर्मी चीफ दोनों सेनाओं के बीच मजबूत सांस्कृतिक और पेशेवर संबंधों को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए रॉयल भूटान सेना में अपने समकक्ष के साथ व्यापक चर्चा करेंगे. डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है. चीन द्वारा उस क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने की कोशिश करने के बाद, जिसे भूटान अपना होने का दावा करता है, डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था.
सीमा विवाद सुलझाने के लिए लंबी चली चीन और भूटान की वार्ता
पिछले साल अक्टूबर में भूटान और चीन ने अपने बढ़ते सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए तीन स्तरीय खाके को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. आपको बता दें कि भूटान, चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों ने विवाद को सुलझाने के लिए 24 दौर की सीमा वार्ता की है.
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डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर वर्ष 2017 में भारत-चीन के बीच गतिरोध ने दो परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध की आशंका पैदा कर दी थी. भूटान ने कहा था कि यह क्षेत्र उसका है और भारत ने भूटानी दावे का समर्थन किया था. जनरल पांडे की इस यात्रा का समापन दोचुला में ड्रक वांग्याल खांग झांग चोर्टेंस में श्रद्धांजलि अर्पित करके करेंगे, जो रॉयल भूटान सेना के शहीद नायकों के सम्मान में स्थापित किए गए थे.
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