China Spy Ship: हिंद महासागर का चक्कर लगा मालदीव पहुंच रहा चीन का Spy Ship, भारत के कड़े विरोध को मुइज्जू ने किया अनदेखा

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Feb 21, 2024, 06:32 PM IST

China Spy Ship

China Spy Ship In Maldives: भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और विरोध को नजरअंदाज कर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर चीन के लिए वफादारी दिखाई है. चीन का जासूसी जहाज हिंद महासागर में सर्वे कर माले पहुंचने वाला है. 

चीन का जासूसी जहाज शियांग यांग होंग (China Spy Ship) 03 हिंद महासागर के अंदर सर्वे के नाम पर जासूसी करने के बाद अब मालदीव की ओर बढ़ रहा है. राजधानी माले में यह जहाज कुछ दिन रुकेगा. भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था, लेकिन मालदीव के मौजूदा चीन परस्त राष्ट्रपति ने उसे अनदेखा कर बीजिंग के साथ अपने रिश्तों को तरजीह दी है. भारत के खिलाफ जहर उगल रही मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार ने चीनी जासूसी जहाज को माले बंदरगाह में रुकने की अनुमति दी है. हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता का विरोध भारत हमेशा करता रहा है.

भारत के लिए चीन (India China Relation) और मालदीव मिलकर मुश्किल हालात बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के जहाज ने हिंद महासागर में सर्वे के नाम पर जासूसी की है. भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में काफी लंबे समय तक सर्वे के नाम पर जासूसी की है.


यह भी पढ़ें: Alexei Navalny की मां ने व्लादिमीर पुतिन से की मांग, 'मेरे बेटे की लाश लौटा दो'  


भारत ने चीनी जहाज के माले रुकने पर जताया था विरोध 
चीन का यह जहाज 28 जनवरी को भारत और श्रीलंका के पास हिंद महासागर में पहुंचा था. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद से वह लगातार हिंद महासागर के सतह की जांच कर रहा है. अब जहाज मालदीव की राजधानी माले की ओर बढ़ रहा है.

जहाज श‍ियांग यांग होंग 03 के बारे में चीन का कहना है कि सामान बदलने और अधिकारियों की अदला-बदली के लिए जहाज रोका जा रहा है. भारत ने जहाज के रुकने का विरोध किया था, क्योंकि आशंका है कि यह जासूसी जहाज भविष्य में पनडुब्बी संचालन के लिए डेटा इकट्ठा करने का काम कर सकता है.

मालदीव को कर्ज के जाल में फंसाना चाहता है चीन 
हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन ने पिछले एक दशक में मालदीव, श्रीलंका जैसे रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण देशों में भारी निवेश भी किया है. खुद को महाशक्ति बताने वाले चीन की नजर अब रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण द्वीपीय देश मालदीव पर है. अब तक भारत और मालदीव अहम सहयोगी रहे हैं, लेकिन मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से समीकरण बिगड़ गए. चीन मालदीव को निवेश के नाम पर अपने कर्ज के मकड़जाल में फंसाना चाहता है.


यह भी पढ़ें: DNA TV Show: पाकिस्तान चुनाव को निष्पक्ष बताने के पीछे चीन की है शातिर सोच


देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.