Chinese Spy Ship: श्रीलंका पहुंचा चीन का 'जासूसी जहाज', जानिए भारत क्यों है चिंतित

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 16, 2022, 10:58 AM IST

चीन का यह जहाज पहले 11 अगस्त को बंदरगाह पर पहुंचना था

Chinese Spy Vessel: भारत ने कहा है कि उसके सुरक्षा एवं आर्थिक हितों पर असर डालने वाले किसी भी घटनाक्रम पर उसकी नजर है. भारत श्रीलंका के बंदरगाह पर जाने के दौरान इस जहाज की ट्रैकिंग प्रणाली द्वारा भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश करने की आशंका से चिंतिंत है.

डीएनए हिंदी: चीन का हाई टेक्नोलॉजी वाला एक रिसर्च जहाज (Chinese Spy Ship)) मंगलवार को श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा. कुछ दिनों पहले कोलंबो ने भारत की चिंताओं को देखते हुए बीजिंग से इस जहाज का बंदरगाह पर आगमन टालने का अनुरोध किया था. चीन का बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज ‘युआन वांग 5’ स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा. यह जहाज 22 अगस्त तक यहां रुकेगा.

चीन का यह जहाज पहले 11 अगस्त को बंदरगाह पर पहुंचना था लेकिन श्रीलंकाई प्राधिकारियों से मंजूरी न मिलने के कारण इसके आगमन में देरी हुई. भारत द्वारा सुरक्षा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह चीनी दूतावास से इस जहाज का आगमन टाल देने का अनुरोध किया था. कोलंबो ने शनिवार को जहाज को 16 से 22 अगस्त तक बंदरगाह पर रुकने की मंजूरी दे दी थी.

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गौरतलब है कि भारत ने श्रीलंका के बंदरगाह पर ठहरने के दौरान इस जहाज की निगरानी प्रणाली द्वारा भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश करने की आशंका जताई थी. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने जहाज को बंदरगाह पर रुकने की अंतिम मंजूरी देते हुए पिछले सप्ताह कहा था कि श्रीलंकाई सरकार ने इस मामले को मैत्रीपूर्ण, परस्पर विश्वास और सार्थक संवाद के जरिए सुलझाने के उद्देश्य से सभी संबंधित पक्षों के साथ कूटनीतिक माध्यमों से उच्च स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श किया.

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भारत ने क्या कहा
भारत ने कहा है कि उसके सुरक्षा एवं आर्थिक हितों पर असर डालने वाले किसी भी घटनाक्रम पर उसकी नजर है. भारत श्रीलंका के बंदरगाह पर जाने के दौरान इस जहाज की ट्रैकिंग प्रणाली द्वारा भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश करने की आशंका से चिंतिंत है. भारत ने हिंद महासागर में चीनी सैन्य जहाजों के प्रति पारंपरिक रूप से कड़ा दृष्टिकोण अपनाया था और श्रीलंका में उनकी किसी भी यात्रा का विरोध किया था. वर्ष 2014 में जब श्रीलंका ने परमाणु क्षमता वाली एक चीनी पनडुब्बी को अपने एक बंदरगाह पर आने की अनुमति दी थी तब उसके और भारत के बीच रिश्ते में तनाव पैदा हो गया.

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