डीएनए हिंदी: अफ्रीकी देश सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच हिंसक संघर्ष जारी है. इस हिंसा में अभी तक 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जान गंवाने के अलावा अभी तक लगभग 2600 लोग घायल भी हुए हैं. तमाम देश शांति की अपील कर रहे हैं लेकिन सूडान में शांति स्थापित नहीं हो पा रही है. भारत के भी कई नागरिक सूडान में फंसे है. उन्हें निकालने के लिए भारत का विदेश मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है.
सबसे पहले 15 अप्रैल को सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना की कमांड और राष्ट्रपति पैलेस के पास धमाके हुए. फिर उत्तर तथा पश्चिम में दो आरएसएफ ठिकानों के करीब विस्फोटों और युद्धक विमानों की गर्जना के साथ बुधवार सुबह तक भारी गोलाबारी जारी रही. सूडान की सेना और आरएसएफ पहले रविवार को और फिर सोमवार को तीन घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे और नया संघर्ष विराम मंगलवार शाम 6 बजे शुरू होना था.
लोगों के घरों पर छापेमारी की खबरें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सूडान के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर का हवाला देते हुए कहा कि हिंसा में 2,600 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं. सूडान के डॉक्टर्स ट्रेड यूनियन के अनुसार, कम से कम आधा दर्जन अस्पतालों पर दोनों युद्धरत पक्षों ने हमला किया है. इस बीच, सीएनएन द्वारा देखे गए एक आंतरिक संयुक्त राष्ट्र दस्तावेज के अनुसार, सशस्त्र कर्मियों ने खार्तूम शहर में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा है.
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इस दस्तावेज के अनुसार, बंदूकधारियों ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और कारें तथा अन्य सामान चुरा लिए. रिपोर्ट में कहा गया है, खार्तूम में कथित तौर पर आरएसएफ के सशस्त्र वर्दीधारी कर्मी प्रवासियों के घरों में घुस रहे हैं. पुरुषों और महिलाओं को अलग कर रहे हैं और उन्हें अपने साथ ले जा रहे हैं. आरएसएफ ने आरोपों से इनकार किया है. उसने सीएनएन से कहा कि यह कभी भी संयुक्त राष्ट्र के किसी कर्मचारी पर हमला नहीं करेगा. आरएसएफ अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने के प्रति सचेत है.
एक-दूसरे पर लगा रहे हैं हिंसा का आरोप
बयान में सूडान के सैन्य नेता अब्देल फतह अल-बुरहान के नेतृत्व में लड़ाई में विरोधी पक्ष को दोषी ठहराया गया. इस बयान में कहा गया, 'बुरहान की सेना की लड़ाई का यह नया हताशापूर्ण तरीका है. वे अपने लोगों को आरएसएफ की वर्दी देते हैं ताकि वे नागरिकों और दूतावासों और संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य समूहों के खिलाफ अपराध कर सकें और आरएसएफ की छवि और परिप्रेक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय सभी को नुकसान पहुंचा सके.
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, चिकित्सा आपूर्ति, खून और बिजली की कमी से जीवन रक्षक उपचारों को खतरा है और उत्तरी दारफुर में 11 लोगों की चोटों से मौत हो गई है. विभिन्न विदेशी नेताओं ने शांति का आह्वान किया है. मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुरहान और डागालो के साथ अलग से बात की.
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