दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) दशकों से गंभीर समस्या बनी हुई है. एक्यूआई का लेवल 500 से ऊपर चला गया है. भारत के लिए अब यह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदगी का मुद्दा बनता जा रहा है. अजरबैजान में पर्यावरण को लेकर आयोजित COP29 समिट में भी इस पर चर्चा हुई है. कनाडा ने इस पर कहा कि गरीब देशों की मदद करनी होगी. एक्सपर्ट्स ने दिल्ली की जहरीली हवा पर चिंता जताते हुए कहा कि स्थिति बेहद खतरनाक हालत में पहुंच गई है.
दिल्ली की हवा 49 सिगरेट पीने जितनी जहरीली
इस सम्मेलन में दिल्ली के प्रदूषण (Delhi Pollution) पर काफी चर्चा की गई है. एक्सपर्ट्स ने एयर क्वालिटी इंडेक्स पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली की हवा रोज 49 सिगरेट पीने के बराबर जहरीली हो चुकी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे स्थिति और भी बिगड़ सकती है, क्योंकि ला नीना मौसम पैटर्न के दौरान कम हवा की गति हवा में प्रदूषकों को फंसा रही है. इससे प्रदूषण और सघन हो रहा है और आम लोगों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी.
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कनाडा के अनुभव के बहाने भारत पर तंज
इस सम्मेलन में कनाडा के बहाने भारत पर तंज भी कसा गया है. ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ अलायंस की उपाध्यक्ष कोर्टनी हॉवर्ड ने कहा कि कनाडा में 2023 में जब जंगल की आग लगी थी, तो इलाके को 70 फीसदी तक खाली करना पड़ा था. यह हमारे जैसे अमीर और साधन संपन्न देशों के लिए भी बड़ी मुश्किल थी. गरीब देशों के लिए इस तरह की आपदा से निपटना मुश्किल है और उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है. बता दें कि कनाडा में जंगल की आग को बुझाने के लिए कृत्रिम बारिश समेत कई महंगे वैज्ञानिक उपाय किए गए थे.
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