अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप (Donlad Trump) विदेश नीति से लेकर देश की ब्यूरोक्रेसी में अहम बदलाव करने जा रहे हैं. देश की नौकरशाही को ज्यादा कुशल और कम खर्चीला बनाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) प्रोजेक्ट लाया जा रहा है. ट्रंप ने इस योजना को इस दौर का मैनहट्टन प्रोजेक्ट बताया है. अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना की जिम्मेदारी भारतवंशी विवेक रामस्वामी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को सौंपी है.
DOGE को ट्रंप ने बताया इस दौर का मैनहट्टन प्रोजेक्ट
अमेरिका के इतिहास में मैनहट्टन प्रोजेक्ट को ऐतिहासिक बदलाव के तौर पर देखा जाता है. इसी प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका ने परमाणु बम तैयार किया था और विश्व शक्ति के तौर पर खुद को स्थापित किया था. डोनाल्ड ट्रंप ने डोज की तुलना इस प्रोजेक्ट से करते हुए कहा कि यह अमेरिका के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएगा. उन्होंने कहा, 'एलन मस्क और विवेक रामस्वामी ब्यूरोक्रेसी को बेहतर और कुशल बनाने के लिए बड़े बदलाव करेंगे. इससे नागरिकों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएंगे और 6.5 ट्रिलियन डॉलर की सरकारी राशि की बचत होगी.'
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ट्रंप ने ब्यूरोक्रेसी के बोलबाला को खत्म करने का किया था वादा
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी कामकाज में ब्यूरोक्रेसी के हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि पिछली सरकार में ब्यूरोक्रेसी का बोलबाला था. अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो इस पर लगाम लगाएंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि ब्यूरोक्रेसी में आमूलचूल सुधार की जरूरत है और वह सत्ता में आने पर इस पर गंभीरता से काम करेंगे. अब अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने भारतवंशी विवेक रामस्वामी के साथ अपने समर्थक और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को चुना है.
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