पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से मिडिल ईस्ट में संघर्ष चल रहा है. इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच जारी संघर्ष के साथ ही आईडीएफ (IDF) इस वक्त लेबनान, ईरान, सीरिया के खिलाफ भी मोर्चा खोले हुए हैं. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चुनाव प्रचार के दौरान मिडिल ईस्ट में जंग रुकवाने का वादा किया था. ईरान के खिलाफ ट्रंप का रुख बेहद सख्त रहा है और इजरायल को उम्मीद है कि अपने पहले कार्यकाल की ही तरह इस बार भी वह पूरा साथ देंगे. जानें अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप की वापसी के बाद मिडिल ईस्ट में जंग खत्म होने की उम्मीद कैसे बन रही है.
2 स्टेट के समर्थन में है डोनाल्ड ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने वाले अरब अमेरिकियों के गठबंधन की ओर से इजरायल-हमास संघर्ष (Israel Hamas War) को लेकर बड़ा दावा किया है. अरब-अमेरिकी समूह के संस्थापक बिशारा बहबाह ने दावा किया है अमेरिकी राष्ट्रपति फिलिस्तीन के लोगों के स्वतंत्र राष्ट्र का समर्थन करते हैं. डोनाल्ड ट्रंप इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए लिए 2 स्टेट का समर्थन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि साल 2020 में ट्रंप प्रशासन की ओर से लाए गए पीस प्लान को अब नए सिरे से लागू किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: Donald Trump ने पुतिन को लगाया फोन, यूक्रेन युद्ध पर की बात! रूस ने इस दावे पर किया खुलासा
ईरान को लेकर ट्रंप रहे हैं बेहद सख्त
डोनाल्ड ट्रंप विश्व के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं जो खुलकर इस्लामिक आतंकवाद और चीन का विरोध करते हैं. ईरान को लेकर ट्रंप की सख्त प्रतिक्रिया रही है. बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को ट्रंप से उम्मीद है कि अपने पहले कार्यकाल की ही तरह वह इस बार भी इजरायल का समर्थन करेंगे. ट्रंप के मीडिया सलाहकार की ओर से जारी बयान में भी इसके संकेत दिए गए हैं कि ईरान को सबक सिखाने से ट्रंप पीछे नहीं हटने वाले. अब देखना है कि ट्रंप के पद संभालने के बाद मिडिल ईस्ट में शांति बहाली हो पाती है या संघर्ष और लंबा चलेगा.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने मिलाया पुतिन को फोन, यूक्रेन मसले पर हुई बात-चीत, जानिए क्या कहा?
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.