US Elections 2024: जर्मन नाई का पोता डोनाल्ड ट्रंप कैसे बना राष्ट्रपति, जानिए मां के दुलार से पत्नी की बेवफाई तक के अनसुने किस्से

Written By राजा राम | Updated: Nov 05, 2024, 02:01 PM IST

Untold Story Of Donald Trump Poltical Journey

US Elections 2024: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का करियर हमेशा विवादों और चर्चाओं में रहा है. बचपन से प्रतिस्पर्धी स्वभाव के चलते वह आज एक बड़े बिजनेस सेलिब्रिटी और नेता बन चुके हैं. उनका राष्ट्रपति बनने के सफर में कई दिलचस्प किस्से हैं.

US Elections 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है. कसीनो,रियल एस्टेट,से अपनी करियर कि शुरुआत करने वाले ट्रम्प ने अपने जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं. अपने बिजनेस साम्राज्य को बनाने के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.  उनकी यात्रा में न केवल व्यावसायिक सफलताएं शामिल हैं, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी कई विवादों और संकटों का सामना करना पड़ा. 

दरअसल, ट्रम्प के दादा फ्रेडरिक ट्रम्प जर्मनी के रहने वाले थे. फ्रेडरिक ने एक चुनौतीपूर्ण बचपन देखा.  ट्रम्प के दादा की उम्र 16 साल की थी जब वो जर्मनी छोड़ अमेरिका चले गए थे. मिली जानकारी के अनुसार, उस समय जर्मनी में कुछ ऐसे नियम थे जहां सभी को कुछ समय के लिए सेना में अपनी सेवाएं देने होती थीं, लेकिन फ्रेडरिक सेना में जाना नहीं चाहते थे, इसीलिए वो जर्मनी छोड़ न्यूयॉर्क चले आए.  शुरुआती समय में उन्होंने न्यूयॉर्क पहुंचकर नाई का काम शुरू किया और उसके बाद फिर अलास्का में खनन के व्यवसाय में हाथ आजमाया.  आपको बता दें कि इस व्यापार ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि जिसके बाद से उनकी किस्मत बदल गई. 

बचपन से ही काफी शरारती थे
अमेरिका के न्यूयार्क में  14 जून 1946 को डोनाल्ड ट्रम्प का जन्म एक बेहद ही अमीर परिवार में हुआ.  बचपन में उनकी मां की लगातार खराब तबीयत ने कभी भी डोनाल्ड ट्रम्प को मां का प्यार नहीं मिलने दिया. हालांकि, उनका बचपन अनुशासन और सख्ती से भरा था.  उनकी शुरुआती शिक्षा न्यूयॉर्क मिलिट्री स्कूल में हुई, जहां उनका आक्रामक स्वभाव और प्रतिस्पर्धी रुख मजबूत हुआ.  बताते चलें, ट्रम्प बचपन से ही काफी शरारती थे और उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना थी.  प्राइमरी शिक्षा के बाद उन्होंने पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से रियल एस्टेट में शिक्षा हासिल की और बाद में अपने पिता के व्यवसाय में शामिल हो गए. 

जब कहा गया दुनिया का आठवां अजूबा
डोनाल्ड ने अपनी व्यावसायिक यात्रा की शुरुआत न्यूयॉर्क में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स से की और फिर होटल, कसीनो, और गगनचुंबी इमारतों में विस्तार किया.  उनके सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में 'ट्रम्प टॉवर' और 'ट्रम्प ताज महल' कसीनो शामिल थे.  जब ट्रम्प कसीनो का कारोबार कर रहे थे, तब उन्होंने ताजमहल कसीनो बनाने के लिए 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 1750 करोड़ रुपये उसपर खर्च किए.  जिसके बाद से उन्हें दुनिया का आठवां अजूबा भी कहा जाने लगा.  देखते ही देखते, अमेरिका में ट्रम्प को एक रियल एस्टेट में काफी बड़ा नाम माना जाने लगा और वो एक सेलिब्रिटी के तौर पर भी देखे जाने लगे. 

'लेडीज मैन' हैं ट्रंप
डोनाल्ड की निजी जिंदगी भी काफी चर्चाओं में रही.  उनकी पहली शादी चेक मॉडल इवाना से हुई, जिनसे उनके तीन बच्चे हुए.  बाद में उनका तलाक हो गया, जिसके बाद उन्होंने मॉडल मार्ला मेपल्स से शादी की, जिनसे उनकी एक बेटी हुई.  हालांकि, यह शादी भी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई और कुछ समय बाद दोनों अलग हो गए. बाद में ट्रम्प ने 2005 में तीसरी शादी मेलानिया से की. बता दें, जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब उनकी पत्नी मिलेनिया ट्रम्प अमेरिका की फर्स्ट लेडी बनीं थीं. दरअसल, ट्रम्प की पर्सनल लाइफ हमेशा से काफी विवादों में रही है. कहा गया कि उनकी पत्नी ने उनके साथ बेवफााई की. समय-समय पर उनके ऊपर कई महिलाओं ने उन पर यौन शोषण का भी आरोप लगाया है. उनके बारे में अक्सर एक बात कही जाती है कि वो 'लेडीज मैन' हैं. 

हॉलीवुड में भी आजमाया हाथ
ट्रम्प ने अपने जीवन में रियलिटी शो भी होस्ट किए हैं.  उसके बाद उन्होंने हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया, जिससे उन्हें और पहचान मिली.  बाद में उन्होंने रेसलिंग की दुनिया में भी हाथ आजमाया.  न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1988 और 1989 में रेसल मेनिया जैसे बड़े इवेंट्स को भी स्पॉन्सर किया था. 


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जब पहली बार बने अमेरिका के राष्ट्रपति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप  हमेशा से अमेरिका के राष्ट्रपति बनना चाहते थे.  ब्रिटेनिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 80 के दशक से ही जानबूझकर ऐसी बयानबाजी करते थे जो उन्हें एक नेता के तौर पर दिखाए.  हालांकि, उस समय उनकी बयानबाजी को लोग महज एक राजनीतिक स्टंट के रूप में देखते थे.  जिसके बाद साल 2012 में उन्होंने आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला किया, बाद में उन्हें प्राइमरी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.  हालांकि, उन्होंने 2016 में एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराया.  उनके कार्यकाल में इमिग्रेशन पर सख्त नीतियां, मुस्लिम देशों पर यात्रा प्रतिबंध, टैक्स में कटौती और अमेरिका फर्स्ट नीति जैसी योजनाएं शामिल रहीं. 


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कांटे का टक्कर
ट्रम्प का नाम हमेशा विवादों के साथ जुड़ा रहा है, चाहे वह उनके बिजनेस के निर्णय हों या राजनीतिक विचारधारा.  ऐसे में, उनके राष्ट्रपति बनने का सपना पूरा करना एक ऐसा सफर है जो न केवल उन्हें, बल्कि पूरे अमेरिका को प्रभावित करता है.  इस बार के चुनाव में भी डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच कांटे का टक्कर बना हुआ है.  बहरहाल, ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे या कमला हैरिस बाजी मारेंगी. 

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