Earthquake In China: भूकंप के तेज झटकों से थर्राया चीन, रिक्टर स्केल पर 6.8 रही तीव्रता, 7 की मौत

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 05, 2022, 01:56 PM IST

Earthquake

Earthquake In China: चीन के दक्षिण पश्चिम प्रांत सिचुआन के लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया. अब तक 7 लोगों की मौत की खबर सामने आई है.  

डीएनए हिंदीः दक्षिण पश्चिम चीन (China) के सिचुआन प्रांत में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस लिए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 रही. स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:25 बजे आए भूकंप का केंद्र लुडिंग के पास यान शहर रहा. इस भूकंप के झटके कई किलोमीटर दूर तक महसूस किए गए. अब तक 7 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. 100 से अधिक लोग घायल भी बताए जा रहे हैं. बता दें कि 2013 में, यान भीषण भूकंप की चपेट में आ गया था, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों घायल हो गए थे.  

क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.  

ये भी पढ़ेंः  मुंबई लाया जा रहा साइरस मिस्त्री का पार्थिव शरीर, कल 10 बजे होगा अंतिम संस्कार

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है.  
 
जानें क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है. रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.  

ये भी पढ़ेंः उद्धव ठाकरे को एक और झटका, राज्यपाल ने रद्द की MLC नामांकन के लिए भेजी गई नामों की सूची

क्या भारत को भूकंप का सर्वाधिक खतरा है?
दरअसल इंडियन प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है. यह पाकिस्तान बार्डर से सिर्फ टच करती है. भौगोलिक स्थिति के हिसाब से यह हिमालय के दक्षिण में है. जबकि यूरेशियन प्लेट हिमालय के उत्तर में है. इंडियन प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में यूरेशियन प्लेट जिसमें चीन आदि बसे हैं कि तरफ बढ़ रही है. अगर ये प्लेट टकराती हैं तो भूकंप का केंद्र भारत में होगा. 

भारत में किस हिस्से में सबसे ज्यादा खतरा?
भूकंप के खतरे के हिसाब से भारत को चार जोन में विभाजित किया गया है. जोन दो-दक्षिण भारतीय क्षेत्र जो सबसे कम खतरे वाले हैं. जोन तीन-मध्य भारत, जोन चार-दिल्ली समेत उत्तर भारत का तराई क्षेत्र, जोन पांच-हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा कच्छ. वहीं जोन पांच में सबसे ज्यादा खतरे वाले इलाके हैं.  

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.