Earthquake: भूकंप के झटकों से हिली नेपाल की धरती, बिहार के इन जिलों में भी दिखा असर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 31, 2022, 10:49 AM IST

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Earthquake in Nepal: नेपाल में रविवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. छुट्टी का दिन होने की वजह से अधिकतर लोग घर पर ही थे. ऐसे में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर भागे.

डीएनए हिंदी: नेपाल में रविवार सुबह की शुरुआत भूकंप (Nepal Earthquake) के झटकों से हुई. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक भूकंप के झटके नेपाल की राजधानी काठमांडू (Kathmandu Earthquake) से 147 किमी दूर महसूस किए गए. छुट्टी का दिन होने की वजह से अधिकतर लोग घर पर ही थे. ऐसे में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर भागे. हालांकि फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है.

बिहार तक महसूस हुआ असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में आए भूकंप के इन झटकों का असर बिहार तक महसूस हुआ है. बिहार के कटिहार, मुंगेर, मधेपुरा और बेगूसराय में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए हैं.

कुछ दिन पहले ही फिलीपींस में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे. फिलीपींस में आए भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई थी. इस भूकंप से राजधानी मनीला में इमारतों में दरारें आ गई और डर की वजह से हजारों लोग घरों से बाहर निकल आए थे.

क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने की वजह क्या होती है?  धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. 

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कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है.  

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जानें क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है. रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.  

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