एमपॉक्स (Mpox) नाम के वायरस ने दुनियाभर में टेंशन बढ़ा दी है. अफ्रीकी देशों के बाद अब यह अन्य देशों में फैलने लगा है. स्वीडन में गुरुवार को एमपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया है. इसके साथ ही स्वीडन अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर एमपॉक्स वायरस का केस मिलने वाला पहला देश बन गया है.
स्वीडन की पब्लिक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, 'स्टॉकहोम में इलाज कराने आए एक व्यक्ति में क्लेड I वेरिएंट का एमपॉक्स वायरस मिला. अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर क्लेड I का यह पहला मामला है.' स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शख्स ने अफ्रीका के ऐसे क्षेत्र में यात्रा की है, जहां Mpox Clade I का बड़ा प्रकोप है.
WHO ने घोषित की इमरजेंसी
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. WHO ने कहा कि कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है. अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर IHR आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की. उन्होंने कहा कि तीन साल में दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप पर काम कर रहा है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैंने घोषणा की थी कि मैं कांगो और अफ्रीका के अन्य देशों में एमपॉक्स के बढ़ने का मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत एक आपातकालीन समिति बुला रहा हूं.
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डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अफ्रीका के अन्य भागों में एमपॉक्स के अन्य क्लेड्स के प्रकोपों के अलावा, यह स्पष्ट है कि इन प्रकोपों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है. सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कानून के तहत अलार्म का उच्चतम स्तर है. उन्होंने कहा कि कि आपातकालीन समिति ने मुझे और अफ्रीकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम सेंटर की सलाह दी. जिसके बाद मंगलवार को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था.
डब्ल्यूएचओ जमीनी स्तर पर है, क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से प्रभावित देशों और जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ है. अफ्रीका CDC, NGO, नागरिक समाज सहित अन्य भागीदारों के साथ काम कर रहा है. एमपॉक्स वायरस का एक अलग रूप क्लेड IIb- 2022 में दुनिया भर में फैल गया था, जो मुख्य रूप से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के बीच फैलता है.
WHO ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की. जुलाई 2022 से मई 2023 तक इसका प्रकोप रहा. जो अब काफी हद तक कम हो गया है और लगभग 90,000 में से 140 मौतों का कारण बना है. (PTI इनपुट के साथ)
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