न्यूजीलैंड संसद में पहली बार पुरुषों से ज्यादा हुईं महिलाएं, इन देशों में भी है महिलाओं का दबदबा

के.टी. अल्फी | Updated:Oct 26, 2022, 03:19 PM IST

न्यूजीलैंड उन आधा दर्जन देशों में शामिल होता है जो इस साल अपनी संसदों में महिलाओं के कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल करने दावा करते हैं.

डीएनए हिंदी: न्यूजीलैंड के इतिहास में पहली बार महिला सांसदों की संख्या पुरुष सांसदों से अधिक हो गई है. liberal Labour Party की नेता सोराया पेके मैसन ने मंगलवार को संसद की सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण की. उन्होंने संसद में पूर्व स्पीकर ट्रेवर मलार्ड का स्थान लिया और मलार्ड को आयरलैंड का राजदूत नियुक्त किया गया है. एक अन्य पुरुष सांसद गौरव शर्मा के इस्तीफे के कारण संसद में महिलाओं की संख्या 60 और पुरुषों की संख्या 59 हो गई है. पेके मैसन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे लिए बेहद खास दिन है. मुझे लगता है कि यह न्यूजीलैंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन है.''

Inter-Parliamentary Union के मुताबिक यह अतुलनीय उपलब्धि न्यूजीलैंड को दुनिया के उन आधा दर्जन देशों की सूची में शामिल करती है जो इस वर्ष अपनी संसदों में महिलाओं के कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल करने का दावा कर सकते हैं. ऐसे अन्य देशों में क्यूबा, मैक्सिको, निकारागुआ, रवांडा और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं. Inter-Parliamentary Union  के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 26 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं. न्यूलीजैंड में महिलाओं के मजबूत प्रतिनिधित्व का इतिहास रहा है. न्यूजीलैंड 1893 में महिलाओं को मतदान का अधिकार देने वाला पहला देश बना था. मौजूदा प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं. 

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अब जानते हैं कि भारत में महिला सांसदों की क्या स्थिति है 

कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार ने संसदीय लोकतंत्र वाले अन्य देशों की तुलना में भारत में महिला प्रतिनिधियों की स्थिति को लेकर कोई अध्ययन नहीं कराया है लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले सब से अधिक महिला सांसद चुनी गईं. 2019 में 78 महिला सांसद चुनी गईं जो कुल का 14.4 प्रतिशत है. इस चुनाव में कुल 8054 उम्मीदवार खड़े हुए थे. इनमें 726 (9 प्रतिशत) महिलाएं थीं. यह भी जानकारी दी गई कि दिसंबर 2021 तक की स्थिति के अनुसार राज्यसभा में भी महिला सदस्यों की संख्या (12.24 प्रतिशत) सबसे अधिक थी और 2022 में हुए पांच विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश (11.66 प्रतिशत) से चुनी गईं. 

17वीं लोकसभा में महिला सांसदों की स्थिति

लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है. पहले चुनाव में सदन में केवल 5% महिलाएं थीं. वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 14.4% हो गई है. Information regarding Global Gender Gap Index (GGGI) and Gender Inequality Index(GII) के अनुसार - 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है जो कि अब तक की सबसे अधिक संख्या है. वहीं राज्यसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक राज्यसभा महिला सांसदों की संख्या अब 33 पहुंच गई है यानी कुल महिला सांसदों की संख्या अब 114 हो चुकी है. आजादी के बाद केवल 15वीं और 16वीं लोकसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी देखने को मिली जो इससे पहले 9% से कम रहती थी.

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अन्य देशों में क्या है स्थिति

इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन डाटा की रिपोर्ट के मुताबिक रवांडा की संसद (निम्न सदन) में महिलाओं की भागीदारी लगभग 61.3 फीसद है. रवांडा का इस सूची में पहले पायदान पर आना इसलिए भी काबिलेतारीफ है, क्योंकि 1994 में यहां हुए नरसंहार के सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं और बच्चे ही हुए थे. इस जनसंहार में देश की लगभग 20 फीसदी जनसंख्या खत्म हो गई थी. महिलाओं को संसद में शानदार प्रतिनिधित्व देने के मामले में क्यूबा दूसरे नंबर पर है. यहां पर 53.4 फीसद महिलाएं निम्न सदन में हैं. तीसरे नंबर पर है निकारागुआ - 50.6%, चौथे पर मैक्सिको - 50% और पांचवे पर UAE - 50%.

 

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