डीएनए हिंदी: स्लोवाकिया में भारतीय विदेश मंत्री ने रूस से तेल और गेहूं के निर्यात पर बैन को लेकर भारत को घेरने की कोशिश करने वाले देशों को दो टूक जवाब दिया है. भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले देशों को जयशंकर ने सटीक तर्क और तथ्यों के साथ जवाब दिया है. उन्होंने चीन के साथ भारत के चुनौतीपूर्ण संबंधों पर यूरोप की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं.
Russia से गैस आयात करने पर दिया जवाब
विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस से गैस का आयात कर रहे यूरोपीय देशों की पोल खोलते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या रूस से गैस खरीदना युद्ध के लिए पैसे देना है? बता दें कि भारत के अलावा कई ऐसे यूरोपीय देश भी हैं जो रूस से तेल आयात कर रहे हैं.
उन्होंने युद्ध को फंड किए जाने से जुड़े सवाल पर दिए जवाब में कहा कि क्या सिर्फ भारतीय पैसा है जो युद्ध को फंड कर रहा है? यूरोप के देश रूस से गैस खरीद रहे हैं और कीमत चुका रहे हैं. क्या यह युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रहा है? उन्होंने भारत को सीम पर मिलने वाली चुनौती पर यूरोप की चुप्पी को भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि भारत के चीन के साथ बहुत चुनौतीपूर्ण रिश्ते हैं लेकिन यूरोप ने इस पर चुप्पी साध रखी है.
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गेहूं निर्यात पर झूठे आरोपों की खोली पोल
गेहूं निर्यात पर लगे बैन को पर पाकिस्तान समेत कई देश दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने झूठे आरोपों की पोल खोलते हुए बताया कि भारत ने इस साल अब तक 23 देशों को गेहूं का निर्यात किया है. गेहूं निर्यात को लेकर भारत के खिलाफ जो भी भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है वह सरासर गलत है.
भारतीय विदेश मंत्री ने ईरान और वेनेजुएला के तेल बेचने पर बैन को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि क्यों अमेरिका और यूरोपीय देश ईरान के तेल को बाजार में नहीं आने दे रहे हैं ?वेनेजुएला को बाजार में अपना तेल नहीं बेचने दे रहे हैं?' उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप ने हमारे तेल के सभी स्रोत निचोड़ लिए हैं और अब कह रहे हैं कि हमारे पास आपके लिए सबसे अच्छी डील है.
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भारत और चीन तनाव पर यूरोप की चुप्पी पर साधा निशाना
विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप ने एशिया की समस्याओं पर चुप्पी साधे रखी है. यूरोप के इस दोहरे रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन यूरोप ने कुछ नहीं कहा है. यूरोप का विकास इस तरह से हुआ है कि यूरोप की समस्या दुनिया की समस्या है लेकिन दुनिया की समस्या यूरोप की समस्या नहीं मानी जाती है.
उन्होंने कहा कि यूरोप के बाहर बहुत सी चीजें हो रही हैं. दुनिया बदल रही है और नए खिलाड़ी आ रहे हैं. दुनिया यूरो केंद्रीत नहीं रह सकती है. जयशंकर ने कहा कि हमारे चीन के साथ संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन हम इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं.
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