डीएनए हिंदी: देश की राजधानी में 9-10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इसी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई प्रमुख देशों के नेता भारत आ रहे हैं. वहीं, चीन और रूस के राष्ट्रपति इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस सम्मेलन में भाग न लेने पर चीन ने जवाब दिया है.
इस प्रमुख सम्मेलन में शी जिनपिंग के शामिल न होने को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. चीन के राष्ट्रपति का भारत नहीं आना चर्चा में बना हुआ है. इस बीच चीन ने इस पर जवाब दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह भारत की मेजबानी में इस साल होने जा रहे जी -20 सम्मेलन का समर्थन करता है.
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चीन की प्रवक्ता ने दिया ऐसा जवाब
चीन ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. हम जी20 को महत्व देते हैं और इससे जुड़ी हुई गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे. इसके साथ कहा गया कि G20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से जुड़ा हुआ एक प्रमुख फोरम है. उन्होंने भारत और चीन के रिश्तों का जिक्र कर कहा कि दोनों देशों के बीच सबकुछ ठीक है. इसके साथ बताया गया कि दोनों देशों के साथ काम करने से काफी विकास हुआ है. हम इन द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.
चीन ने हाल में ही भारत के हिस्से को बताया था अपना
चीन ने हाल ही में 'स्टैंडर्ड मैप ऑफ चाइना' का 2023 संस्करण जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन चीन का हिस्सा हैं. भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने इसे चीन की पुरानी आदत बताते हुए कहा था कि सिर्फ बेतुके दावे करने से अन्य लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते.
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