डीएनए हिंदी: भारत में होने वाले जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए शी जिनपिंग नहीं आ रहे हैं. हालांकि, कुछ दिन पहे चीन का नक्शा जारी किया गया था जिसमें एक बार फिर बीजिंग की साम्राज्यवादी नीतियों की झलक दिखी. चीन ने अरुणाचल और लद्दाख के कई हिस्से अपने क्षेत्र में दिखाए थे. शी जिनपिंग के जी-20 से दूर रहने की वजह भारत को लेकर उनकी नीतियां नहीं हैं. चीन के मामलों की नजर रखने वाले मीडिया की मानें तो इसके लिए खुद चीनी राष्ट्रपति जिम्मेदार हैं. कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा, खुद जिनपिंग घर के अंदर बहुत से मोर्चे पर घिरे हैं और चुनौतियों से निपट रहे हैं.
चीन के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे शी जिनपिंग
Nikkei Asia की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले कम्युनिस्ट पार्टी की मीटिंग में शी जिनपिंग को पार्टी के सीनियर नेताओं से खासी आलोचना का सामना करना पड़ा है. बताया जा रहा है कि बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ने की वजह से चीन के अंदर ही जिनपिंग के प्रति असंतोष बढ़ रहा है. ऐसे वक्त में वह घर के अंदर और अपनी पार्टी के अंदर भी वरिष्ठ राजनेताओं के असंतोष का सामना कर रहे हैं. ऐसे वक्त में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आने के बजाय चीनी राष्ट्रपति घर में स्थिति मजबूत करने में जुटे है.
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कोविड के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान
कोविड के बाद से चीन का मैन्युफैक्चचरिंग और आपूर्ति बिजनेस काफी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. विदेशी निवेश भी पहले की तुलना में काफी कम हुआ है. चीन की आर्थिक क्षमता इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है और खुद जिनपिंग से भी इस पर सवाल उठाए गए हैं. बताया जा रहा है कि जिनपिंग ने इस हालात के लिए अपने पूर्ववर्तियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कई प्रमुख पदों पर मौजूद लोगों को बर्खास्त भी किया है ताकि स्थिति को बेहतर ढंग से संभाल सकें.
चीन की सेना में भी बड़े बदलाव से गुजर रही
इस समय चीन एक नाजुक दौर से गुजर रहा है तो ऐसे वक्त में चीनी राष्ट्रपति अपनी घरेलू चुनौतियों को प्राथमिकता दे रहा है. चीन की सेना भी उथल-पुथल का सामना कर रही है. देश के टॉप रॉकेट फोर्स जनरलों को हटा दिया गया है. विदेश मंत्री किन गांग को अज्ञात कारणों से अचानक बर्खास्त कर दिया गया है. घरेलू स्तर जिनपिंग अपने राजनीतिक करियर के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. इस हालात में उन्होंने जी-20 जैसे वैश्विक सम्मेलन से दूर रहकर सेना से लेकर अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने पर ध्यान देना चुना है.
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