Al Qaeda को बढ़ाने में पाकिस्तानी बैंक का हाथ, आतंकी हमलों के लिए जमकर दिए पैसे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 29, 2022, 09:54 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Pakistan Habib Bank Limited: अमेरिका में चल रहे टेरर फंडिंग केस में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के एक बैंक ने अलकायदा जैसे संगठनों को खूब पैसे दिए.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की आतंक को पनाह देने वाली पोल एक बार फिर खुल गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सबसे बड़े बैंक हबीब बैंक लिमिटेड (HBL) ने अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए खूब पैसे दिए हैं. इस बैंक के खिलाफ अमेरिका में टेरर फंडिंग का केस चल रहा है. बैंक पर आरोप है कि उसने अलकायदा को टेरर फंडिंग की और आतंकी हमलों की साजिश में भी शामिल हो गया. इन हमलों में 370 लोग मारे गए या घायल भी हुए हैं.

डॉन न्यूज ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि जस्टिस लोर्ना जी. शॉफिल्ड ने पाया कि यह बैंक आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय अधिनियम के तहत देनदारियों का सामना कर रहा है. आरोप है कि यह बैंक जानबूझकर पर्याप्त सहायता देकर कर आतंकवाद को बढ़ावा देता है. इसके अलावा, यह आरोप भी है कि बैंक उन लोगों के साथ मिलकर साजिश करता है जो अंतरराष्ट्रीय आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.

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सब जानते हुए भी बैंक ने दिए पैसे
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में जज के हवाले से कहा गया है कि तीन मामलों में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि आतंकी हमलों की योजना में कई ग्लोबल टेरर ग्रुप जैसे कि अल कायदा या लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए- मोहम्मद, अफगान तालिबान, जिसमें हक्कानी नेटवर्क और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान शामिल हैं. आरोप हैं कि HBL बैंक जानता था कि उसके ग्राहक अल-कायदा के आतंकी अभियान से जुड़े हैं और ये सीधे तौर पर या प्रॉक्सी वॉर का हिस्सा रहे हैं. 

न्यायाधीश ने कहा, 'शिकायतों से यह भी पता चलता है कि बैंक ने जानबूझकर अल-कायदा और उसके सहयोगियों को प्रतिबंधों से बचाने और आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने में मदद की. आरोप यह दिखाने के लिए पर्याप्त हैं कि एचबीएल हमले करने की साजिश में शामिल हुआ.' डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले एचबीएल ने 2017 में न्यूयॉर्क के नियामक प्रावधानों के विभिन्न उल्लंघनों के लिए 22.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना देने की बात भी स्वीकार की थी.

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यह नियामक अधिकारियों द्वारा पाकिस्तानी बैंक पर अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया गया था. बैंक ने न्यूयॉर्क में एक शाखा संचालित करने और वहां बैंक चलाने के लिए मिले अपने लाइसेंस को सरेंडर करने की बात भी मानी थी. एचबीएल की यह शाखा 1978 से काम कर रही थी. एचबीएल 2007 और 2017 के बीच कथित तौर पर किए गए 53 अलग-अलग उल्लंघनों के लिए डीएफएस की कार्रवाई का टारगेट था.

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